पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अग्निपथ स्कीम पर आर-पार की लड़ाई लड़ने की मुद्रा में आ गए हैं. तभी तो उन्होंने ऐलान किया है कि 22 जून को महागठबंधन के सभी विधायक विधानसभा से लेकर राजभवन तक पैदल मार्च (Mahagatbandhan Raj Bhawan March) करेंगे. मतलब अग्निपथ स्कीम पर बिहार में राजनीति जारी रहेगी.
ये भी पढ़ें - अग्निपथ योजना पर तेजस्वी यादव ने केन्द्र से पूछे ये सवाल, कहा- युवाओं को देना होगा जवाब
22 जून को राजद का राजभवन मार्च :'अग्निपथ' को लेकर विपक्ष काफी आक्रामक दिख रहा है. तेजस्वी यादव रविवार को ट्वीट कर कहा, ''युवाओं को नौकरी एवं अग्निपथ योजना की वापसी की मांग को लेकर 22 जून, सुबह 9 बजे महागठबंधन के सभी माननीय विधायक विधानसभा से लेकर राजभवन तक पैदल मार्च करेंगे. केंद्र सरकार द्वारा बिना सोचे समझे लाई गयी योजनाएँ Take off से पहले ही Crash हो जाती है. ऐसी योजनाओं की अकाल मृत्यु हो जाती है लेकिन BJP के लोग आखिर तक फालतू में इनका Hip-Hip Hurray..करते रहते हैं और बाद में योजना वापस ले लेते हैं.''
अग्निपथ स्कीम पर तेजस्वी के सवाल : बता दें कि इससे पहले तेजस्वी यादव ने दिल्ली में प्रेस कॉफ्रेंस कर केन्द्र सरकार से 20 सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि 'अग्निपथ' को लेकर युवाओं के मन में जो सवाल उठ रहे हैं सरकार को जवाब देना होगा. तेजस्वी ने कहा कि यह पहली सरकारी नौकरी होगी, जिसमें बेरोजगार होने की 75 प्रतिशत गारंटी है. चार साल बाद 25 प्रतिशत चुने हुए नियमित सैनिक बनने के लिए भाई-भतीजावाद, जातिवाद, घूसखोरी और क्षेत्रवाद का खेल होने की भी पूरी गारंटी है. क्या प्रतिभाशाली युवा चार वर्षों की संविदा नौकरी के बाद भाजपा सरकार के पूंजीपति मित्रों के व्यावसायिक ठिकानों की रखवाली करेंगे?
"अग्निपथ स्कीम को लेकर छात्र प्रदर्शन को युवा कर रहे हैं, युवाओं में भारी आक्रोश हैं, युवा की आत्मा मर रही है, तो देश की आत्मा भी मर रही है. भारत सरकार की नई योजना अग्निपथ को लेकर युवा के मन में संशय है. सरकार को संशय दूर करना चाहिए. केंद्र सरकार बताए चार साल तक जिन युवाओं को सेना में रखा जाएगा क्या स्थाई सैनिकों की तरह उन्हें भी 90 दिनों की नियमित छुट्टी दी जाएगी.ये योजना शिक्षित युवाओं के लिए मनरेगा है क्या,या फिर संघ का कोई हिडन एजेंडा है."- तेजस्वी प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष बिहार
क्या है अग्निपथ योजना: भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है. वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है. ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी.
'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.