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LJP Split : कार्यकारिणी की बैठक को पशपति गुट ने बताया असंवैधानिक, 5 जुलाई से चिराग का आशीर्वाद यात्रा

चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस में अभी भी शह-मात का खेल जारी है. चिराग पासवान ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की. इसमें अपने समर्थकों के साथ वर्तमान परिस्थिति में पार्टी में उपजे विवाद पर चर्चा हुई. पढ़ें पल-पल की अपडेट...

ljp political crisis updates chirag paswan vs pashupati paras
ljp political crisis updates chirag paswan vs pashupati paras

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Published : Jun 20, 2021, 10:57 AM IST

Updated : Jun 20, 2021, 9:42 PM IST

नई दिल्ली/पटना:एलजेपी पर कब्जे ( LJP Split ) को लेकर पारस गुट ( Pashupati Paras ) और चिराग गुट ( Chirag Paswan ) में 'शह और मात' का खेल जारी है. पारस गुट को जवाब देने के लिए चिराग पासवान ने रविवार को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई. इस बैठक के माध्यम से चिराग 'शक्ति प्रदर्शन' कर चाचा पारसके दांव का जवाब दे रहे हैं.

चिराग पासवान की तरफ से बुलाई गई कार्यकारिणी बैठक में कुल 63 सदस्य शामिल हुए. जिसमें 43 सदस्य बैठक में मौजूद रहे जबकि 23 सदस्य वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े. राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के अलावे एक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, चार राष्ट्रीय महासचिव, 9 राष्ट्रीय महासचिव समेत अन्य दिग्जजों ने बैठक में हिस्सा लिया.

लोजपा कार्यकारिणी बैठक की बड़ी बातें...

  • चिराग के नेतृत्व पर कार्यकारिणी पूरा विश्वास व्यक्त करती है.
  • पांच जुलाई से चिराग पासवान बिहार में निकालेंगे आशीर्वाद यात्रा
  • पशुपति का चिराग पर टिप्पणी की कड़ी निंदा, जनता को गुमराह ना करें पारस
  • केंद्र से स्वर्गीय रामविलास पासवान को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग
  • बिहार में युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन की केंद्र सरकार से अपील
  • बाढ़ प्रभावित जिलों में कार्यकर्ताओं से हरसंभव मदद की अपील

चिराग ने की असंवैधानिक कार्यकारिणी की बैठक
चिराग पासवान दिल्ली में कार्यकारिणी की बैठक कर रहे थे तो दूसरी तरफ पटना में पशुपति पारस गुट के नेता बैठक के असंवैधानिक बता रहे थे. प्रवक्ता ललन चंद्रवंशी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि इस बैठक का कोई मतलब नहीं है. क्योंकि पार्टी के अध्यक्ष पशपति पारस ने 17 जून को ही कार्यकारिणी को भंग कर दिया था. ललन चंद्रवंशी ने आगे लिखते हैं कि 2015 में कार्यकारिणी में 71 सदस्यों को शामिल किया गया था. 17 जून को 56 सदस्यों ने पशुपति पारस का समर्थन किया था. लिहाजा चिराग के बैठक का कोई महत्व नहीं है.

अब तक क्या हुआ...
गौरतलब है कि शनिवार को चिराग पासवान अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात की थी और संसदीय दल के नेता चयन पर अपना पक्ष रखा था.

चिराग पासवान का दावा है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 90 फीसदी से अधिक सदस्य उनके साथ हैं. उन्होंने लोकसभा में पारस को पार्टी का नेता घोषित करने के दूसरे खेमे का दावा स्वीकार करने के फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की.

चिराग ने दलील दी है कि पार्टी का संसदीय बोर्ड ही संसद में अपने नेता के बारे में फैसला कर सकता है. पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने चिराग के स्थान पर पारस को अपना नेता चुना है.

यह भी पढ़ें-पशुपति पारस ने भंग की LJP की सभी कमिटी, नई टीम में इन भरोसेमंदों को दी बड़ी जिम्मेदारी

वहीं, शनिवार को ही पारस ने एक बयान जारी कर कहा कि पार्टी की अन्य सभी शाखाओं को भंग किया जा रहा है. गौरतलब है कि यह फैसला दिल्ली में चिराग पासवान के नेतृत्व वाले समूह की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने से ठीक एक दिन पहले ही लिया गया.

यही नहीं, नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान भी कर दिया गया. इसमें पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर पारस, सभी चार सांसदों और उनके करीबी पार्टी पदाधिकारियों को भी इसमें शामिल किया गया है.

पशुपति पारस की नई टीम

  • सांसद महबूब अली कैसर, सांसद वीणा सिंह और पूर्व विधायक सुनीता शर्मा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
  • पूर्व सांसद वीणा देवी, अनिल चौधरी को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
  • सांसद चंदन सिंह, सांसद प्रिंस राज को राष्ट्रीय महासचिव
  • पूर्व विधायक रणवीर सिंह, विशेश्वर सिंह और डॉ उषा शर्मा को भी राष्ट्रीय महासचिव
  • संजय सर्राफ को राष्ट्रीय महासचिव सह राष्ट्रीय प्रवक्ता
  • रामजी सिंह को राष्ट्रीय महासचिव
  • विनोद नागर को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सह राष्ट्रीय प्रवक्ता

कब क्या हुआ

  • 13 जून: लोजपा के 5 सांसदों ने पशुपति पारस को अपना नेता चुना. उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेता का दायित्व सौंपा. राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को सभी पदों से हटा दिया गया.
  • 14 जून: लोकसभा सचिवालय ने चिराग की जगह पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता चुने जाने की अधिसूचना जारी की.
  • 15 जून: चिराग ने लोजपा के पांच सांसदों (पशुपति पारस, चंदन सिंह, चौधरी महबूब अली कैसर, प्रिंस राज और वीणा सिंह) को पार्टी से बाहर निकाल दिया. दूसरी ओर पशुपति पारस गुट ने सूरजभान को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया.
  • 16 जून: चिराग ने प्रिंस की जगह राजू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया.
  • 17 जून: पशुपति पारस राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए.
  • 18 जून: पशुपति पारस ने पार्टी की राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर की सभी कमेटियों और प्रकोष्ठ को भंग कर दिया. नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी.
Last Updated : Jun 20, 2021, 9:42 PM IST

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