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मोदी के 'हनुमान' का छलका दर्द, कहा- 'संकट में BJP ने अकेला छोड़ा, रिश्ते 'एकतरफा' नहीं रह सकते' - political crisis in ljp

चाचा पशुपति पारस से सियासी लड़ाई लड़ रहे चिराग पासवान का पहली बार दर्द छलका है. खुद को पीएम मोदी का 'हनुमान' बताने वाले चिराग ने कहा है कि संकट में भाजपा ने उन्हें अकेला छोड़ दिया. पढ़िए चिराग ने और क्या-क्या कहा है...

ljp political crisis chirag paswan reaction on bjp
ljp political crisis chirag paswan reaction on bjp

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Published : Jun 23, 2021, 10:58 AM IST

Updated : Jun 23, 2021, 11:09 AM IST

नई दिल्ली/पटना:अपनी ही पार्टी में चुनौतियों का सामना कर रहे लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता चिराग पासवानने मंगलवार को कहा कि भाजपा ( BJP ) के साथ उनके संबंध "एकतरफा" नहीं रह सकते हैं और यदि उन्हें घेरने का प्रयास जारी रहा तो वह अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे.

BJP की चुप्पी आहत करती है
चिराग ने कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan ) और वह, हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) और भाजपा के साथ 'चट्टान' की तरह खड़े रहे, लेकिन जब इन 'कठिन' समय के दौरान उनके हस्तक्षेप की उम्मीद थी, तो भगवा दल साथ नहीं था. चिराग ने कहा कि अभी भी मोदी में विश्वास कायम है.

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"अगर आपको घेरा जाता है, धकेला जाता है और कोई फैसला लेने के लिए मजबूर किया जाता है, तो पार्टी सभी संभावनाओं पर विचार करेगी. लोजपा को अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में इस आधार पर निर्णय लेना होगा कि कौन उसके साथ खड़ा था और कौन नहीं."- चिराग पासवान

यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा संकट के दौरान भाजपा ने उनसे संपर्क किया था? उन्होंने कहा कि भगवा दल का चुप रहना "उचित" नहीं था, जबकि जदयू, लोजपा में विभाजन के लिए काम कर रही थी.

चिराग ने कहा-"मुझे उम्मीद थी कि वे (BJP) मध्यस्थता करेंगे और चीजों को सुलझाने का प्रयास करेंगे. उनकी चुप्पी निश्चित रूप से आहत करती है."

'JDU की बांटो और शासन करो की रणनीति'
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने राजग के एक अन्य घटक जदयू ( JDU ) को निशाना बनाया लेकिन भाजपा पर चुप्पी क्यों साधी, चिराग ने कहा कि भाजपा ने उनके बारे में चुप्पी साध रखी है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) की पार्टी ने उनकी पार्टी को विभाजित करने में "स्पष्ट" भूमिका निभाई और ऐसा करने का उनका इतिहास रहा है.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कभी नहीं चाहते कि किसी दलित नेता का कद बढ़े और इससे पहले उन्होंने लोजपा के संस्थापक तथा उनके पिता को कमजोर करने की कोशिश की थी. इस क्रम में उन्होंने अतीत में जदयू द्वारा लोजपा नेताओं को अपने पक्ष में करने का हवाला दिया.

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चाचा को मंत्री बनाया तो...
उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की अटकलों के बारे में दो बार सांसद निर्वाचित हो चुके चिराग ने जोर दिया कि अगर भाजपा पारस को लोजपा उम्मीदवार के रूप में मंत्री पद की पेशकश करती है तो ऐसा निर्णय उन्हें स्वीकार्य नहीं होगा.

गौरतलब है कि चिराग पासवान के खिलाफ पांच सांसदों के गुट का नेतृत्व करने वाले पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोजपा नेता के रूप में मान्यता दी गई है.

चिराग ने कहा कि पारस को निर्दलीय या किसी अन्य क्षमता में मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, लेकिन लोजपा उम्मीदवार के रूप में प्रतिनिधित्व उन्हें स्वीकार्य नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अब यह चुनाव आयोग को फैसला करना है कि कौन सा गुट पार्टी का प्रतिनिधित्व करता है.

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'एकतरफा' संबंध नहीं चलेंगे
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अब भी राष्ट्रीय स्तर पर खुद को भाजपा नीत राजग ( NDA ) के घटक के रूप में देखते हैं, उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मलूम, यह भाजपा को तय करना है कि मैं गठबंधन का हिस्सा हूं या नहीं. मैंने उनके साथ एक सहयोगी के रूप में मेरी ईमानदारी साबित कर दी है. लेकिन यह रिश्ता हमेशा के लिए एकतरफा नहीं हो सकता.

चिराग ने कहा-"अगर बदले में आप मुझे नहीं पहचानते हैं, आप उन लोगों की मदद करते हैं जो मेरी पार्टी से अलग हो गए हैं, उनके साथ प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से खड़े दिखते हैं तो मैं हमेशा के लिए इस स्थिति में नहीं रह सकता. अगर आप मुझे पहचान और सम्मान नहीं देते हैं, तो पार्टी अध्यक्ष के तौर पर मुझे भविष्य में कोई फैसला लेना होगा."

हालांकि उन्होंने कहा कि वह चाहेंगे कि "विश्वास" का संबंध बना रहे जो उनकी पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बने थे, जब उनके पिता जीवित थे. चिराग ने कहा कि बिहार में प्रतिद्वंद्वी राजद-कांग्रेस ( RJD-Congress ) गठबंधन के "मित्रों" ने उनसे गठबंधन में शामिल होने के लिए संपर्क किया. उन्होंने कहा कि लेकिन उनकी प्राथमिकता गठबंधन नहीं बल्कि प्रतिद्वंद्वी गुट के साथ राजनीतिक और कानूनी लड़ाई है.

भाजपा विरोधी विभिन्न क्षेत्रीय दलों के एक साथ आने और राकांपा नेता शरद पवार ( NCP Chief Sharad Pawar ) के इस दिशा में प्रयास करने की चर्चा हो रही है. जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या वह संभावित समूह में खुद के लिए कोई भूमिका देखते हैं, उन्होंने कहा- 'कोई भी संभावनाओं के लिहाज से कभी नहीं, नहीं कहता.'

अब तक लोजपा में क्या हुआ है
लोजपा में पारस गुट की तरफ से बगावत के बाद चिराग पासवान की लोजपा की तरफ से पारस गुट से जुड़े सांसदों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है, लेकिन लोजपा पर पारस गुट ने भी अपना दावा कर दिया है. इससे पहले लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान चुनाव आयोग में पारस गुट के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं. इसके अलावा चिराग ने लोकसभा स्पीकर से भी मुलाकात कर खुद की पार्टी का पक्ष और पारस गुट की शिकायत की. साथ ही स्पीकर से अनुरोध किया कि पशुपति पारस को लोकसभा में लोजपा संसदीय दल का नेता बनाये जाने के फैसले की समीक्षा करें, क्योंकि ये पार्टी संविधान के खिलाफ है.

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Last Updated : Jun 23, 2021, 11:09 AM IST

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