पटना:एलजेपी नेता चिराग पासवान (LJP Leader Chirag Paswan) 8 अक्टूबर को अपने पिता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पहली पुण्यतिथि (Death Anniversary) मनाने के बाद बिहार के विभिन्न जिलों में पदयात्रा पर निकलेंगे. वे सबसे पहले राज्य के बचे हुए उन तमाम जिलों में जाएंगे, जहां पर आशीर्वाद यात्रा नहीं हो पाई है.
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दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एलजेपी (LJP) को करीब छह फीसदी वोट मिला था. पार्टी का मानना है कि भले ही हमने महज एक सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन पिछले चुनाव की तुलना में मत प्रतिशत में इजाफा हुआ है. जिस वजह से बिहार की जनता से आशीर्वाद लेने के लिए चिराग पासवान इन दिनों लगातार आशीर्वाद यात्रा के तहत बिहार के विभिन्न जिलों का भ्रमण कर रहे हैं.
एलजेपी प्रवक्ता चंदन सिंह की मानें तो चिराग पासवान 8 अक्टूबर से बिहार के बचे हुए उन तमाम जिलों में पहले जाएंगे, जहां पर आशीर्वाद यात्रा पूरी नहीं हो पाई थी. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान की पुण्यतिथि के बाद चिराग पासवान पदयात्रा के माध्यम से बिहार के सभी जिलों की जनता को स्वर्गीय पासवान के विचारों को रखने का काम करेंगे. इसी कड़ी में एलजेपी के सभी नेता घर-घर जाकर उनके विचारों को आम लोगों के सामने रखेंगे.
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एलजेपी में दो फाड़ के बाद चिराग पासवान को एक के बाद एक झटका लग रहा है. पहले चिराग पासवान ने अपने सभी सांसदों को खो दिया, उसके बाद संसदीय दल के नेता के पद से भी उन्हें हाथ धोना पड़ा. उसके बाद चिराग पासवान जहां केंद्रीय मंत्री बनने का सपना देख रहे थे, उस पर भी उनके चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) ने पानी फेर दिया. इतना ही नहीं पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष पद से भी उन्हें हटाकर वैशाली से सांसद वीणा देवी को बिठा दिया गया है. इन सब के बीच चिराग पासवान पर दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में अपने चचेरे भाई और समस्तीपुर से सांसद प्रिंस राज (Prince Raj) के सपोर्ट करने को लेकर मामला भी दर्ज करवाया गया है.
एक तरफ जहां चाचा पशुपति पारस एलजेपी और अपने संगठन को मजबूत और विस्तार देने में जुटे हैं तो वहीं चिराग पासवान भी जनता के बीच जाकर लोगों में पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में आशीर्वाद यात्रा के बाद अब पदयात्रा की शुरुआत की जा रही है.