पटना: बिहार विधानसभा में बुधवार को शराबबंदी कानून में संशोधन (Amendment in Prohibition Law) विधेयक पास हो गया. आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने सदन में मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 (Liquor Prohibition Amendment Bill 2022) पेश किया था. संशोधन को नीतीश कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी थी. संशोधिक विधेयक को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. इसके बाद यह कानून का रूप ले लेगा. इस विधेयक में एक तरफ जहां लोगों को राहत दी गई है, वहीं तरफ सख्ती भी बरती गई है. जुर्माना देकर शराब पीने वालों को छोड़ने का प्रावधान है तो कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ बुलडोजर भी चलेगा. सत्ता पक्ष का कहना है कि संशोधन के बाद इन कानून को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा. हालांकि आरजेडी का दावा है कि सरकार बैकफुट पर है. वहीं कांग्रेस की विधायक ने शराबबंदी कानून को वापस लेने की मांग की.
ये भी पढ़ें: शराबबंदी कानून में संशोधन: BJP ने किया स्वागत तो बोले मांझी- आखिरकार सरकार ने खामियों को महसूस किया
मजिस्ट्रेट ने चाहा तो तुरंत छूटेंगे शराबी:मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 के मुताबिक शराब पीते या शराब के नशे में पकड़े गए व्यक्ति को जुर्माना का भुगतान करने पर छोड़ा जा सकता है. जुर्माना नहीं चुकाने पर एक महीने के साधारण कारावास का प्रावधान है. शराब पीने के आरोप में पकड़े गए शख्स को नजदीक के कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा और यदि वह जुर्माना जमा करता है तो उसे छोड़ा जा सकता है. मजिस्ट्रेट गिरफ्तार करने वाले पदाधिकारियों की रिपोर्ट पर फैसला लेंगे.
हाईकोर्ट की सलाह से तैनात होंगे मजिस्ट्रेट:शराबबंदी कानून के तहत दर्ज मामलों का अनुसंधान एएसआई रैंक से नीचे के पुलिस या उत्पाद विभाग के अधिकारी नहीं करेंगे. विधेयक में ड्रोन या अन्य माध्यमों से ली गई तस्वीर को भी साक्ष्य के रूप में प्रयोग करने की व्यवस्था की गई है. विधेयक में हर जिले में एक विशेष न्यायालय का गठन होगा. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से सेवानिवृत्त जजों (जो अपर सत्र न्यायाधीश रह चुके हैं) को विशेष न्यायालय में पीठासीन होने के लिए सरकार नियुक्त कर सकेगी. इसके तहत कार्यपालक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति उच्च न्यायालय के परामर्श से की जाएगी. वे द्वितीय श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट की शक्तियों का प्रयोग करेंगे.
शराब बेचने वालों पर चलेगा बुलडोजर:बिहार मद्य निषेध उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 81 के पश्चात अब एक नई धारा 81ए होगी. इसमें जब्त वस्तु या मादक द्रव्य को सुरक्षित रखना संभव न तो पुलिस या उत्पाद अधिकारी विशेष न्यायालय या कलेक्टर के आदेश के बिना भी छोटे नमूने को रखकर स्थल पर ही नष्ट कर सकेंगे. नए प्रावधान में अधिनियम के अधीन दंडनीय सभी अपराध धारा 35 के अधीन अपराधों को छोड़कर सुनवाई विशेष न्यायालय द्वारा की जाएगी. इन मामलों में गिरफ्तार व्यक्ति यदि अभी भी जेल में है तो उसे छोड़ दिया जाएगा. यदि वह धारा 37 में उल्लेखित कारावास की अवधि पूरा कर चुके होंगे. साथ ही शराब की थोक बरामदगी किसी ऐसे अस्थायी परिसर से होती है, जिसे सीलबंद नहीं किया जा सकता है तो कलक्टर के आदेश से ऐसे परिसर को ध्वस्त किया जा सकता है.