पटना: नियोजित शिक्षक एक बार फिर से सड़कों पर उतर आए हैं. राजधानी में उन्होंने प्रदर्शन किया. इसपर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया.
समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर नियोजित शिक्षक संघ के सदस्यों ने गर्दनीबाग में प्रदर्शन किया. शिक्षकों की अधिक संख्या से अव्यवस्था की स्थिति उतपन्न हो गयी. पुलिस को स्थिति से निपटने के लिए कई बार वाटर कैनन का भी प्रयोग करना पड़ा. लेकिन शिक्षक फिर भी डटे हुए हैं.
नियोजित शिक्षकों का उग्र प्रदर्शन पुलिस को अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश
वहीं, एसएसपी गरिमा मल्लिक गर्दनीबाग पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए. शिक्षकों की भारी संख्या को देखते हुए पुलिस को अधिक सतर्कता बरतने का भी निर्देश दिया.
क्या है मामला?
दरअसल, 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को समान काम के लिए समान वेतन देने का आदेश दिया था. इसके बाद बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई. यहां नियोजित शिक्षकों ने भी अर्जी दाखिल कर कोर्ट से यह मांग की थी कि समान काम के लिए समान वेतन उनका अधिकार है. नियोजित शिक्षकों को उनका ये हक मिलना ही चाहिए.
करीब एक साल तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चली. इसके बाद 3 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया.