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मसौढ़ी: 30 साल बाद भी महादलितों को नहीं मिला बासगीत पर्चा

भूमिहीन महादलित परिवारों को 3 डिसमिल जमीन देकर उन्हें बसाने की योजना अंधेरे में है. दिनकर नगर दहीभत्ता महादलित गांव के तकरीबन 30 वर्षों से डेढ़ सौ परिवार बसे हैं, लेकिन आज तक उन्हें बासगित पर्चा नहीं मिला है. ऐसे में ये परिवार सरकार की कई सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं.

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Published : Apr 9, 2021, 6:36 PM IST

भूमिहीन महादलित परिवारों का विरोध प्रदर्शन
भूमिहीन महादलित परिवारों का विरोध प्रदर्शन

मसौढ़ी:मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना भूमिहीन महादलित को 3 डिसमिल जमीन देकर उन्हें बसाने की योजना खटाई में पड़ती दिख रही है. मसौढ़ी प्रखंड के निशियावां पंचायत के दिनकर दहीभक्ता गांव में तकरीबन 30 सालों से सभी महादलित परिवारों को बासगीत पर्चा नहीं मिल पाया हैं. जिस वजह से सरकार की कई तरह की योजनाओं का लाभ इन सबों को नहीं मिल पा रहा है, ना ही किसी को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल रहा है और ना ही राशन कार्ड एवं कई बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल पा रहा है.

देखें खास रिपोर्ट

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भूमिहीन महादलित परिवारों को 30 साल बाद भी नहीं मिले जमीन के कागज
हलांकि 13 अप्रैल 2015 को दिनकर नगर के 12 महादलितों को बासगीत पर्चा मिला था, तो ऐसे में उन सभी परिवारों में उम्मीद जगी थी कि सभी महादलितों को बासगित पर्चा वितरण किया जाएगा. लेकिन आज तक सभी महादलित परिवारों के बीच बासगीत पर्चा नहीं मिल पाया है.

ऐसे में लगातार आंदोलन व विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. लेकिन सरकार इनकी सुध नहीं ले रही है. वहीं, इस मामले में भाकपा माले के विधायक गोपाल रविदास ने सड़क से लेकर सदन तक विरोध एवं हंगामा किया है. विधानसभा में भी इस सवाल को उठाया है.

स्थानीय विधायक विधानसभा में उठा चुके हैं मामला
इस पूरे मामले में मसौढ़ी के अंचलाधिकारी मृत्युंजय कुमार ने कहा दिनकर नगर में राजस्व कर्मचारी द्वारा जांच कराई गई है. वह पूरी जमीन चारागाह है. ऐसे में चारागाह की जमीन को बंदोबस्त नहीं किया जा सकता है.

1990 से लेकर अब तक सभी महादलित परिवारों बसे हुए हैं और वहां पर 2014 में तत्कालीन अंचलाधिकारी संदीप कुमार ने 12 लोगों को कमिश्नर के आदेश पर बासगीत पर्चा दिया था. ऐसे में उन सभी महादलित परिवारों के बीच आक्रोश पनप रहा है एवं उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.

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