नयी दिल्ली/पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने कहा है कि जातीय जनगणना (Caste Census) पर केंद्र सरकार का रुख आश्चर्यजनक है. यह दुखद है कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराना चाहती है. यह होता तो दबे, कुचले, पिछड़े, अति पिछड़ों को न्याय मिलता.
ये भी पढ़ें:केंद्र सरकार की ना के बाद बिहार में जातीय जनगणना पर मचा घमासान
उन्होंने कहा कि हम देखेंगे की इस पर कानूनी तौर पर क्या रास्ता निकल सकता है. यह राष्ट्रव्यापी मुद्दा बन चुका है. सभी विपक्षी दलों को इस पर एकजुट हो जाना चाहिए. जातीय जनगणना होने से सरकारी योजनाओं का लाभ सभी कमजोर वर्ग के लोगों तक पहुंचेगा. उनकी वास्तविक संख्या के आधार पर विकास योजनाओं को बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) तो इस मुद्दे पर सियासत कर रहे हैं. उनको जातीय जनगणना से कोई मतलब नहीं है.
बता दें कि देश में जातीय जनगणना का मुद्दा जोर-शोर से उठ रहा है. कुछ दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात की थी. इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम से जातीय जनगणना कराने की मांग की थी. इस डेलिगेशन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी शामिल थे.
ये भी पढ़ें: जातिगत जनगणना पर JDU-BJP आमने सामने, जदयू फैसले पर अडिग
वहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा है कि वह जातीय जनगणना नहीं कराएगी. बीजेपी शुरू से जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं है. उसका कहना है कि इससे समाज में तनाव होगा. केंद्र सरकार तो हर वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रख रही है. साथ ही यह भी तर्क दिया जा रहा है की जातीय जनगणना होने के बाद जिनकी संख्या ज्यादा होगी, वे नए सिरे से आरक्षण की मांग करेंगे. जिनकी संख्या कम होगी, वे संख्या बढ़ाने में लग जाएंगे. ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण नहीं हो पाएगा.
ये भी पढ़ें: BJP सांसद की CM नीतीश से मांग, अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराए बिहार सरकार