पटना:अग्निपथ योजना को लेकर जहां देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन (Protest on Agnipath Scheme in Bihar) जारी है. वहीं इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. बिहार में जहां बीजेपी और जेडीयू में तकरार नजर आ रही है वहीं इसपर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने केन्द्र सरकार को अग्निपथ स्कीम को वापस लेने के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम (Lalu ultimatum to centre on agneepath) दिया है.
ये भी पढ़ें:Agnipath Scheme Protest Live: बिहार में कई जिलों में धारा 144 लागू
लालू का केन्द्र को 72 घंटे का अल्टीमेटम : आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने ट्विट कर लिखा- ''केंद्र सरकार अविलंब अग्निपथ योजना को वापस लें. भाजपा सरकार की पूँजीपरस्त और युवा विरोधी नीतियों के कारण बेरोजगारी बढ़ी है. क्या यह ठेकेदारों द्वारा थोपी गयी सरकार है जो सेना की नौकरी भी ठेके पर दे रही है?'
तेजस्वी यादव ने क्या कहा? : इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अग्निपथ योजना के तहत बहाल अग्निवीरों की छुट्टी को लेकर भी सवाल उठाया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- 'क्या इन लोगों को नियमित सैनिकों की तरह ही 90 दिनों की छुट्टियां मिलेंगी? अग्निपथ योजना अगर न्यायसंगत है तो इसमें ठेके पर अफसरों की भर्ती क्यों नहीं? केवल ठेके पर सैनिकों की ही भर्ती क्यों? क्या यह शिक्षित युवाओं के लिए मनरेगा है?'
बिहार में बीजेपी-जेडीयू में तकरार : अग्निपथ योजना को लेकर एनडीए के मुख्य घटक दल बीजेपी और जेडीयू में तकरार सामने आई है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह अग्निपथ योजनाओं पर पुनर्विचार करें. वहीं, बीजेपी के तेजतर्रार नेता केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "किसान आंदोलन के दौरान जिस तरह से भ्रम की स्थिति पैदा हुई और उन्हें केंद्र की योजनाओं का लाभ नहीं मिला, इसी तरह अब छात्रों में भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है. वे अग्निपथ और अग्निवीर योजना के लाभों को नहीं जानते हैं."
बिहार में 'अग्निपथ' योजना पर बवाल : बता दें कि अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में पिछले दो दिनों से छात्रों का विरोध-प्रदर्शन और हंगामा जारी है. छात्रों ने शुक्रवार को कई जगहों पर एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों में आग लगा दी. छपरा, आरा, बक्सर, नालंदा, भागलपुर, औरंगाबाद, लखीसराय, खगड़िया, बेगूसराय, सुपौल, वैशाली, मुजफ्फरपुर आदि जिलों में प्रदर्शन जारी है.
ये भी पढ़ें:अग्निपथ विरोध : स्कूल बस को रोका, भूख-प्यास और डर से रोते रहे बच्चे
'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.
क्या है 'अग्निपथ' योजना :आइये जानते है कि आखिर क्या है अग्निपथ योजना (what is agneepath scheme)केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 23 वर्ष (Agnipath recruitment new age limit) के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.
बिहार से सेना में 1.04 लाख जवान : सेना के तीनों अंगों जल सेना, थल सेना और वायु सेना में सबसे ज्यादा जवान यूपी और बिहार से आते हैं. रक्षा मंत्रालय द्वारा संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक सेना में शामिल 2.18 लाख जवान यूपी से हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर बिहार है जहां से 1.04 लाख जवान सेना में शामिल होकर देश की रक्षा कर रहे हैं. बिहार और यूपी के बाद तीसरे नंबर पर राजस्थान है, जहां से 1.03 लाख जवान सेना में हैं.
ये भी पढ़ें:तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने 'अग्निपथ' योजना का किया स्वागत, 24 जून से भर्ती शुरू