पटना :जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने एक बार फिर से बीजेपी सांसद सुशील मोदी (BJP MP Sushil Modi) को आड़े हाथों लिया है. मणिपुर प्रकरण पर बोलते हुए ललन सिंह ने गठबंधन धर्म की याद दिलायी. ललन सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने एनडीए बनाया था. उसमें कहा गया था कि एनडीए गठबंधन में शामिल कोई भी दल एक-दूसरे की पार्टी को नहीं तोड़ेंगे.
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BJP ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया : ललन सिंह ने अरुणाचल प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय (2020) जेडीयू एनडीए का हिस्सा थी, बावजूद इसके हमारी पार्टी के विधायकों को तोड़ा गया और बीजेपी में शामिल कराया गया. गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया गया.
''सुशील मोदी जी, लगता है आप कुछ पाने के लिए ज्यादा ही व्याकुल हैं. अरुणाचल प्रदेश के 6 विधायकों को तोड़कर भाजपा ने 2020 में अपनी पार्टी में मिलाया था, तब क्या जद (यू.) भाजपा से अलग था ? मणिपुर के सभी विधायक 10 अगस्त को पटना आये और मुख्यमंत्री जी के फैसले की सराहना करते हुए एकजुटता भी दिखायी। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ ? स्पष्ट है कि धन-बल का खेल हुआ है.....! हमलोगों की शुभकामनाएं आपके साथ है... जल्दी से आपको कुछ मिल जाए.''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू
इन 5 विधायकों ने BJP का दामन थामा :मणिपुर विधानसभा के सचिव के मेघजीत सिंह द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि अध्यक्ष ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत जदयू के पांच विधायकों के भाजपा में विलय को स्वीकार करते हुए प्रसन्नता जतायी है. जदयू ने इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से छह ने जीत दर्ज की थी. भाजपा में शामिल होने वाले जदयू विधायकों में केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक ए एम खाउटे और थांगजाम अरुण कुमार शामिल हैं.