पटना:बिहार की बेटियां (Daughters of Bihar) इन दिनों हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, अपना लोहा मनवा रही हैं. हम बात कर रहे हैं बिहार के नालंदा की बेटी मिताली प्रसाद के बारे में. 24 साल की मिताली अपने हौसले के बल पर दूसरे देशों के कई पर्वतों पर तिरंगा (Nalanda climber Mitali Prasad) लहरा चुकी हैं. मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाली मिताली सबसे पहले कराटे ज्वाइन कर इंटरनेशनल प्लेयर बनीं. इसके बाद एनसीसी ज्वाइन की. एनसीसी में सी सर्टिफिकेट प्राप्त मिला. उसके बाद अपने सपनों में पंख लगा अमेरिका के ओकाया, दक्षिण अमेरिका की बोनीटो के पर्वत पर चढ़कर देश का तिरंगा लहराया.
मिताली प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि पहाड़ पर चढ़ाई करने का बचपन से शौक है लेकिन घर की आर्थिक स्थिति (Lack of money hindering Nalanda climber Mitali) ठीक नहीं होने के कारण शुरुआती दौर से परेशानी रही है. मिताली के पिता किसान हैं. तीन बहनों में मिताली दूसरे नंबर पर हैं. छोटी बहन अभी पढ़ाई कर रही है. बड़ी बहन प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हैं.
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उन्होंने कहा कि एनसीसी परीक्षा में बेहतर करने पर एनसीसी की ओर से पैरा जंपिंग टीम में चयन हुआ था. मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि हर क्षेत्र में सफलता मिली. मिताली प्रसाद ने बताया कि पर्वतारोहण के क्षेत्र में बेसिक, एडवांस, मेथड ऑफ इंस्ट्रक्शन के साथ-साथ अल्पाइन कोर्स भी किया है. एक पर्वतारोही के लिए बेसिक नॉलेज बहुत जरूरी है. बेसिक नॉलेज नहीं लेने पर अपने आप पर्वतारोही नहीं सकते.
बता दें कि मिताली 2019 में अफ्रीका महादेश की सबसे उंची चोटी किलिमंजारो पर तिरंगा फहराया था. 2020 में दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट ओकाकागुआ में तिरंगा फहराया था. करीब 6962 मीटर ऊंची माउंट अकोकागुआ की चोटी पर तिरंगा लहराने वाली मिताली भारत की पहली महिला हैं लेकिन बिहार की इस बेटी का सपना अभी भी अधूरा है. मिताली का सपना है कि वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ बिहार और देश का नाम रोशन करें.