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समाज सुधार अभियान: जाने क्यों गांधी की कर्मभूमि से एक बार नीतीश ने अभियान की शुरुआत की - samaj sudhar abhiyan from Gandhi workplace champran

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर गांधी की कर्मभूमि चंपारण से समाज सुधार अभियान (Samaj Sudhar Abhiyan) के तहत यात्रा की शुरुआत की है. जानिए आखिरकार चंपारण की धरती में ऐसा क्या खास है कि नीतीश अपनी ज्यादातर राजनीतिक यात्राओं की शुरुआत यहीं से करते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

समाज सुधार अभियान
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Published : Dec 22, 2021, 9:41 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 10:42 PM IST

पटना:नीतीश कुमारने अपनी सियासी यात्राओं के जरिए लोगों का विश्वास हासिल करने में बड़ी सफलता दर्ज की है. मुख्यमंत्री के रूप में अपने 17 साल के कार्यकाल के दौरान नीतीश (CM Nitish Kumar) ने 12 राजनीतिक यात्राएं कीं. प्रदेश के गांव-गांव तक जाकर अपना संदेश आम जनता तक पहुंचाया और उनका समर्थन हासिल करने में कामयाबी हासिल की. सीएम नीतीश कुमार ने आज एक बार फिर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण सेसमाज सुधार अभियान (Samaj Sudhar Abhiyan) की शुरुआत की है.

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दरअसल, आंदोलन को धार देने के लिए महात्मा गांधी यात्राएं करते थे. स्वतंत्र भारत में राजनेताओं ने यात्राओं को राजनीति का हथियार बनाया और अपनी ताकत में इजाफा किया. सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर समाज सुधार अभियान के तहत यात्रा पर निकले हैं. मुख्यमंत्री ने एक बार फिर चंपारण से यात्रा का आगाज किया है. जेपी कहा करते थे जब आप राजनीतिक तौर पर असहाय महसूस करें तो जनता के बीच जाएं. नीतीश कुमार जेपी आंदोलन के गर्भ से निकले हैं और जेपी की पाठशाला में ही नीतीश कुमार ने राजनीति के गुर सीखे हैं.

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नीतीश कुमार जब भी राजनीतिक तौर पर कमजोर महसूस करते हैं तो जनता के बीच जाते हैं. जनता के बीच जाने के लिए यात्रा और अभियान का सहारा लेते हैं. एक बार फिर नीतीश कुमार चंपारण की धरती को ही यात्रा की शुरुआत करने के लिए चुना है. आज से वे समाज सुधार यात्रा पर निकल चुके हैं. यात्रा की शुरुआत हर बार की तरह इस बार भी चंपारण की धरती से हुई है.

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आपको बता दें कि यह 12वां मौका है. जब नीतीश कुमार यात्रा पर निकल रहे हैं इससे पहले वह 11 यात्राएं पूरी कर चुके हैं.

  • 12 जुलाई 2005 को न्याय यात्रा की शुरुआत
  • 9 जनवरी 2009 को विकास यात्रा की शुरुआत
  • 17 जून 2009 को धन्यवाद यात्रा की शुरुआत
  • 25 दिसंबर 2009 को प्रवास यात्रा की शुरुआत
  • 28 अप्रैल 2010 को विश्वास यात्रा की शुरुआत
  • 9 नवंबर 2011 को सेवा यात्रा की शुरुआत
  • 19 सितंबर 2012 को अधिकार यात्रा की शुरुआत
  • 5 मार्च 2014 को संकल्प यात्रा की शुरुआत
  • 13 नवंबर 2014 को संपर्क यात्रा की शुरुआत
  • 9 नवंबर 2016 को निश्चय यात्रा की शुरुआत
  • 12 दिसंबर 2017 को समीक्षा यात्रा की शुरुआत
  • 3 दिसंबर 2019 को जल जीवन हरियाली यात्रा की शुरुआत
  • 22 दिसंबर 2021 को समाज सुधार अभियान की शुरुआत


दरअसल, चंपारण की धरती क्रांति की धरती रही है. महात्मा गांधी ने भी चंपारण से आंदोलन की शुरुआत की थी और आंदोलन में राष्ट्रव्यापी स्वरूप अख्तियार कर लिया था. चंपारण को बापू की पहली कर्मभूमि के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने नील की खेती से त्रस्त किसानों के लिए आवाज उठाई थी और तीन कठिया कानून का पुरजोर विरोध किया था. इतिहास के पन्नों में चंपारण में हुए नील के विरूद्ध क्रांति चंपारण आंदोलन और पहला सत्याग्रह के तौर पर जाना गया महात्मा गांधी से प्रेरित होकर नीतीश कुमार ने भी उनके सिद्धांतों को अपनाया और जनता से सीधा संवाद करने के लिए पुनः एक बार फिर चंपारण को चुना.

वहीं, समाज सुधार यात्रा पर अब राजनीति पर हो रही है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि चंपारण गांधी की धरती रही है. यहां से गांधी ने आंदोलन की सफल शुरुआत की थी और नीतीश कुमार महात्मा गांधी से प्रेरणा लेते हैं. चंपारण ऐसी जगह है जहां राजकुमार शुक्ल जैसे लोग पैदा हुए और उनके प्रयासों से महात्मा गांधी वहां किसानों के लिए आवाज उठाने पहुंचे थे. एक समय में चंपारण हत्या- डकैती का पर्याय बना हुआ था लेकिन आज की तारीख में नीतीश के प्रयासों से चंपारण का चहुमुखी विकास हो चुका है.


वहीं, भाजपा प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा है कि चंपारण बदलाव की धरती रही है. वहां के लोगों ने बदलाव को आत्मसात भी किया है. वहां के कन-कन में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ने का जज्बा है. लिहाजा नीतीश कुमार चंपारण को ही चुनते हैं.

वहीं, राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि नीतीश कुमार भले ही गांधी के आदर्शों पर चलने की बात कहते हों लेकिन भाजपा के साथ रहकर वह गांधी के आदर्शों पर कैसे चलेंगे, यह एक बड़ा सवाल है. अगर वाकई नीतीश कुमार गांधी के आदर्शों पर चलने का दंभ भरते हैं तो उन्हें शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर काम करना चाहिए.

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राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि चंपारण से गांधी का जुड़ाव रहा है. नीतीश कुमार गांधी से प्रेरणा लेते हैं. सामाजिक बदलाव के लिए वह चंपारण इसलिए चुनते हैं कि वहां के लोग बदलाव को महसूस करने के साथ आप समर्थन भी देते हैं. कहीं न कहीं नीतीश कुमार के मन में यह आकांक्षा भी है कि बिहार के इतिहास में उन्हें गांधी और जेपी के बाद याद किया जाए.

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बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तक 1 दर्जन यात्रा कर चुके हैं. 2005 में न्याय यात्रा से शुरुआत की थी. उनके बाद विकास यात्रा, धन्यवाद यात्रा, प्रवास यात्रा, विश्वास यात्रा, सेवा यात्रा, अधिकार यात्रा, संकल्प यात्रा, संपर्क यात्रा, निश्चय यात्रा, विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा, जल जीवन हरियाली यात्रा और अब समाज सुधार अभियान के तहत यात्रा कर रहे हैं. यात्रा में स्थानीय जनप्रतिनिधि और कई मंत्रियों के साथ सभी आला अधिकारी भी रहेंगे. इस दौरान सीएम जनसभा को संबोधित करेंगे और सरकार की ओर से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करेंगे. जीविका समूह की महिलाएं भी भाग लेंगी, जिसमें पूर्ण शराबबंदी को लेकर फीडबैक लिया जाएगा.

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Last Updated : Dec 22, 2021, 10:42 PM IST

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