पटना:जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने तबरेज अंसारी के मामले को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि नफरत की आग किसी को भी जला सकती है.
कन्हैया कुमार ने ट्वीट कर कर लिखा, 'भीड़ द्वारा किसी इंसान की हत्या को स्वाभाविक मौत मानने वालों को याद रहे कि भीड़ ने इंसपेक्टर सुबोध को भी नहीं छोड़ा था. यह नफरत की आग किसी को भी जला सकती है. इससे पहले कि यह भीड़ की मानसिकता सबकुछ खत्म कर दे, नफरत की इस मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है.'
क्या है पूरा मामला
झारखंड के सरायकेला-खरसावां में चोरी के कथित आरोप में भीड़ द्वारा पीटे गए तबरेज अंसारी की मौत हो गई थी. 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की बाइक चोरी के शक में भीड़ ने इसी साल जून महीने में खंभे से बांधकर पीटा था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. पुलिस ने मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जबकि दो पुलिसकर्मी भी सस्पेंड हुए थे.
केस में झारखंड पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ हत्या की धारा को हटा दिया है. साथ ही मामले में दाखिल चार्जशीट में आईपीसी की धारा 302 के बजाय 304 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. सरायकेला एसपी ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि तबरेज की मौत कार्डिएक अरेस्ट से हुई थी.
तबरेज अंसारी के आरोपियों को मिली क्लीन चिट
पीएम मोदी ने क्या कहा था...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में भीड़ द्वारा एक युवक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना पर कहा था कि, 'मुझे दुख हुआ है, लेकिन इसके लिए पूरे प्रदेश पर आरोप लगाना गलत है.' संसद में राष्ट्रपति के संबोधन के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कहा था कि, 'झारखंड में लिंचिंग की घटना से मुझे दुख हुआ. इससे दूसरों को भी दुख हुआ. लेकिन राज्यसभा में कुछ लोग झारखंड को लिंचिंग का हब मानते हैं. क्या यह सही है? वे एक राज्य का अपमान क्यों कर रहे हैं?'