पटना: एनएमसीएच में डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटना को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रहा है. पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त नहीं होने का आरोप लगाते हुए जूनियर डॉक्टरों ने काम करने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन से बार-बार अनुरोध के बावजूद सुरक्षा के इंतजाम नहीं किये गये हैं.
क्या है पूरा मामला?
बिहार के बक्सर जिला के रहने वाले रमेश कुमार की मां तेतरी देवी की कल शाम एनएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई. बताया जाता है कि मृतका को 11 अप्रैल को एनएमसीएच के कोविड वार्ड में भर्ती कराया था. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती, जिस वजह से गुरुवार रात को तेतरी देवी की मौत हो गई.
क्या है परिजनों का आरोप?
पीड़ित परिजनों ने डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि, जब तेतरी देवी की तबीयत बिगड़ने लगी, तब वे डॉक्टर और नर्स का चक्कर लगाते रहे, लेकिन कोई भी देखने नहीं आया. कई बार डॉक्टरों से इलाज करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी.
"कोरोना के कारण अस्पताल में मां का इलाज चल रहा था. अचानक उसकी हालत खराब हो गई. इसके बाद हम लोग डॉक्टर के पास गए, तो उन्होंने कहा कि नर्स के पास जाओ और जब नर्स के पास गए तो वो बोलती हैं कि डॉक्टर के पास जाओ. इसी बीच मां की मौत हो गई. हम लोग पूरे अस्पताल में दौड़ते रहे और डॉक्टर हम लोगों पर ही आरोप लगा रहे हैं." -धर्मशीला देवी, मृतका की बेटी