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सरकार ने की प्रवासी मजदूरों और छात्रों पर फैसला लेने में देरी: मांझी - बिहार न्यूज

मांझी ने लॉकडाउन लागू करने, प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस लाने के फैसला में देरी को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि लोग कोरोना से कहीं ज्यादा भूख और काम छिन जाने से डरे हुए हैं.

Jitan Ram Manjhi
Jitan Ram Manjhi

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Published : May 9, 2020, 2:13 PM IST

पटना:पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने लॉकडाउन लागू करने के तरीकों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं. ईटीवी भारत के रीजनल एडिटर ब्रज मोहन सिंह के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर लॉकडाउन घोषित करने से कुछ दिनों पहले लोगों को सचेत कर देना चाहिए. अभी जो स्थिति दिख रही है, उससे लगता है कि राज्य सरकारों की तैयारी भी पूरी नहीं थी. उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों के हालात देखकर काफी दुखी हूं.

मौजूदा हालात के लिए नेतृत्व दोषी

हम अध्यक्ष ने देश और राज्य की मौजूदा स्थिति के लिए नेतृत्व को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि बिहार में भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. लोग कोरोना से नहीं बल्कि भूख और काम छिनने के डर से परेशान हैं.

जीतनराम मांझी, अध्यक्ष, हम पार्टी

सीएम को दिए कई सुझाव

पूर्व सीएम ने कहा कि पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, तब मैंने उन्हें कई अहम सुझाव दिया था. मैंने उन्हें कहा, 'जब काफी समीक्षा कर रहे हैं और ताबड़तोड़ निर्देश दे रहे हैं. मगर आपके निर्देशों का सही से पालन हो रहा है या नहीं, इसे कौन देख रहा है. क्वारंटीन सेंटर में पैसों की लूट मची है, लिहाजा देखरेख के लिए अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों की भी जिम्मेदारी तय कीजिए.'

क्वारंटीन सेंटर में सुविधाओं का अभाव

जीतनराम मांझी ने कहा कि जो जानकारी मिल रही है, उससे साफ पता चलता है कि क्वारंटीन सेंटर में सुविधाओं का घोर अभाव है. डेढ़ सौ लोगों पर बमुश्किल 2 शौचालय हैं. न साबुन, न तौलिया की व्यवस्था है. भोजन भी अच्छा नहीं मिल रहा है, जिस वजह से रोज बवाल हो रहा है.

'अभी सरकार की आलोचना नहीं करूंगा'

आरजेडी-कांग्रेस और आरएलएसपी समेत दूसरे विपक्षी दलों से इतर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में सरकारी की आलोचना नहीं करूंगा, लेकिन ये जरूर है कि सरकार को विपक्ष के सुझाव पर अमल करना चाहिए. सरकार अगर जनप्रतिनिधियों को भी इस कोरोना की जंग में शामिल करेगी तो काम बेहतर तरीके से होगा और काम में पारदर्शिता भी दिखेगी.

ईटीवी भारत से बात करते जीतनराम मांझी

प्रवासी मजदूरों-छात्रों पर फैसला लेने में देरी

पूर्व सीएम ने माना कि प्रवासी मजदूरों और छात्रों को दूसरे राज्यों से लाने के मसले पर बिहार सरकार ने काफी देर से फैसला लिया. उन्होंने कहा कि हमने उस समय भी यूपी और दूसरे राज्यों की तर्ज पर इन्हें बुलाने को लेकर सरकार से मांग की थी, लेकिन तब राज्य सरकार ने केंद्र की गाइड लाइंस का हवाला दिया था. मगर देर से ही सही अब छात्र और मजदूर घर वापस आ रहे हैं. सरकार को इनको लाने और रखने की बेहतर व्यवस्था करनी होगी.

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