पटना : ये तो सब जानता है, राजनीति संभावनाओं का खेल है. जिस पार्टी को जब कभी अपनी भलाई की संभवना दिखती है, वह उसके साथ हो जाती है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने इसपर मुहर लगा दी है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah On Nitish Lalu) ने सारण में नीतीश कुमार पर हमला बोला तो जीतन राम मांझी ने इसका जवाब दिया.
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''राजनीति में समझौता होते रहता है. बीजेपी भी कभी नीतीश कुमार के साथ गई थी, कभी लालू यादव का साथ दिया था. लालू प्रसाद भी कभी कांग्रेस के धुर विरोधी थे. आज देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का खतरा है जो भाजपा करती है. भाईचारा संकट में है, नीतीश कुमार ने प्रदेश में भाईचारा कायम रखने के लिए भाजपा से नाता तोड़ा है.''- जीतन राम मांझी, हम प्रमुख
'महापुरुषों को सम्मान देने के नाम पर राजनीति सही नहीं' :जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि सभी लोग आज अपनी सुविधा के अनुसार बातें कह रहे हैं. आज वह नीतीश कुमार पर टिप्पणी कर रहे हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि वह कल क्यों नीतीश कुमार को समर्थन कर रहे थे. यह सत्ता का खेल है यह राजनीति है. जहां तक जयंती मनाने का और सम्मान देने का सवाल है तो यह हम सभी का कर्तव्य है कि अपने महापुरुषों की जयंती पर उन्हें याद करें और सम्मान दें. महापुरुषों को सम्मान देने के लिए अगर अमित शाह आए हैं तो अच्छी बात है लेकिन यदि वह नीतीश कुमार पर टिप्पणी कर रहे हैं तो यह बेईमानी है.