पटना: बिहार (Bihar News) में एक-दो महीने में सरकार गिरने वाली है. राघोपुर दौरे पर गए तेजस्वी (Tejashwi Yadav) ने जैसे ही यह बयान दिया कि बिहार में सियासी उबाल आ गया. सत्ता पक्ष तुरंत तेजस्वी और आरजेडी ( RJD ) पर निशाना साधा और कहा कि नीतीश सरकार (CM Nitish) पांच साल तक चलेगी. लेकिन सियासत में हर बयान के मायने होते हैं. बयान सोच समझ कर दिए जाते हैं.
दरअसल, जब से लालू (RJD Chief Lalu Yadav) जेल से बाहर आए हैं, तब से आरजेडी नेता दावा कर रहे हैं कि नीतीश सरकार बहुत जल्द जाने वाली है और तेजस्वी बिहार के सीएम बनेंगे. यही नहीं, लालू यादव के जन्म दिन तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav ) HAM प्रमुख के जीतन राम मांझीसे सरकारी आवास पर मुलाकात कर बिहार का सियासी पारा ही बढ़ा दिया. कुछ दिनों तक बात होती रही, फिर खत्म हो गई.
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फिर टेंशन दे रहे मांझी?
सियासत में बात और मुलाकात तो होती रहती है लेकिन नीतीश सरकार के लिए सबसे बड़ा टेंशन मांझी हैं. मांझी कब क्या बोलेंगे और क्या करेंगे शायद 'हम' प्रमुख भी नहीं जनते. कुछ दिन पहले मांझी ने शराब पर बयान देकर बिहार की सियासत गरम कर दी और ऐसा लग रहा है कि मांझी सियासी कॉकटेल तैयार कर रहे हैं.
दरअसल, बिहार में जब शराबबंदी कानून लागू की गई थी, उस वक्त महागठबंधन की सरकार थी. लेकिन एक साल बाद ही नीतीश कुमार लालू से अलग हो गए और बीजेपी के साथ सरकार बना ली. उसके बाद से ही मांझी शराब के मुद्दे पर कुछ न कुछ बोलते रहते हैं. और इनका साथ आरजेडी और कांग्रेस से भी मिलता रहा है.
कुछ दिन पहले ही मांझी ने कहा था कि शराब पीने में कोई बुराई नहीं है. अब सवाल उठता है कि मांझी बार-बार शराब पर ही सियासत क्यों करते हैं. दरअसल, मांझी जानते हैं कि जब तक नीतीश सीएम रहेंगे, बिहार में शराबबंदी कानून लागू रहेगा. क्योंकि सीएम नीतीश ने यह ऐलान किया है कि जब तक वे मुख्यमंत्री रहेंगे, बिहार में शराबबंदी कानून लागू रहेगा.