पटना:हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) को लेकर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव(Lalu Prasad Yadav) के आपत्तिजनक बयान की कड़ी निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर इसे दलितों का अपमान बताया है. साथ ही उनसे तीखे सवाल भी पूछे हैं.
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पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भक्त चरण दास पर लालू यादव के बयान के बाद ट्वीट कर कहा कि आप और आपके परिवार के लोगों के दिलों में दलितों के प्रति कितनी नफरत है, यह देश समझ चुका है. उन्होंने कहा कि इस अपमान का बदला कुशेश्वरस्थान और तारापुर की जनता जरूर लेगी.
मांझी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'लालूजी आप आखिर दलितों से इतनी नफरत क्यों करतें हैं?. भक्तचरण दास जी दलित हैं तो आप उन्हें भकचोधर कहके अपमानित करेंगें? आप और आपके परिवार के लोगों के दिलों में दलितों के प्रति कितनी नफरत है वह देश समझ चुका है, इस अपमान का बदला कुशेश्वर स्थान और तारापुर की जनता लेगी.'
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इससे पहले जेडीयू और बीजेपी ने भी लालू के बयान को दलितों का अपमान बताया था. जेडीयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्तचरण दास को लेकर लालू यादव ने जिस आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया है, उससे साफ पता चलता है कि वे दलित विरोधी मानसिकता के नेता हैं. उनके लिए दलित समाज सिर्फ वोट बैंक है, उनमें मन में न तो दलितों के लिए और न ही दलित समाज के नेताओं के लिए किसी तरह की कोई इज्जत है.
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आज अगर राजनीति के रसातल में हैं तो कांग्रेस के कारण ही. यह सच है कि कांग्रेस के ही इशारे पर पहली बार सीबीआई जांच बैठी, कांग्रेस के ही कहने पर पहली बार चार्जशीट हुई और कांग्रेस के शासनकाल में ही पहली बार उनको जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया गया. सबसे दिलचस्प बात ये है कि लालू को राजनीतिक जीवन में चारा घोटाले में फंसने के बाद अगर किसी भी सदन में पहुंचने की थोड़ी-बहुत भी उम्मीद बची थी तो रही-सही कसर राहुल गांधी ने सदन में बिल फाड़कर पूरा कर दिया. बहुत दिनों से कांग्रेस की साजिश का दर्द झेल रहे लालू को पहली बार अपनी कुंठा अभिव्यक्ति का मौका मिला है.