पटनाःबिहार में जातीय जनगणना को लेकर काफी समय से सियासत (Politics On Caste Census In Bihar) जारी है. आरजेडी और जदयू के बीच जातीय जनगणना को लेकर क्रेडिट लेने की होड़ दिख रही है. दोनों दलों की इस मुद्दे पर एक राय है. वहीं बीजेपी जातीय जनगणना को लेकर अलग रुख रखती रही है. बीजेपी का कहना है पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू (Demand For Population control Bill) होना चाहिए. इसी बीच जातीय जनगणना को लेकर 1 जून को सर्वदलीय बैठक होने जा रही है. जातीय जनगणना को लेकर जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU State President Umesh Kushwaha Statement) ने पार्टी का स्टैंड क्लीयर करते हुए कहा कि पार्टी शुरू से जातीय जनगणना के पक्ष में है.
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जदयू शुरुआती दिनों से ही जातीय जनगणना के पक्ष मेंःजदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है कि जातीय जनगणना को लेकर नीतीश कुमार शुरुआती दिनों से ही पक्ष में रहे हैं. कुछ अन्य दल हैं, जो इस पर राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं. हम लोग कल्याणकारी योजनाओं को बिहार में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य में विभिन्न जातियां का आंकड़ा इकट्ठा करना चाह रहे हैं. हम लोगों का प्रयास है कि जातियों का आंकड़ा मिल जाए और फिर उनके लिए किस प्रकार की योजना बना सकते हैं, उस पर काम करें. इसलिए जदयू की जातीय जनगणना कराने की मांग शुरू से रही है. बिहार विधानसभा से भी दो-दो बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कराया गया है. मामले में प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री के नेतृत्व सर्वदलीय शिष्टमंडल मुलाकात कर चुका है.