पटना:बिहार में जातीय जनगणना को लेकर एक बार फिर से एनडीए गठबंधन को दो पार्टी जेडीयू और बीजेपी आमने सामने हो गई है. एक तरफ जेडीयू के नेता कहते है की जातीय जनगणना बहुत जरूरी है. तो दूसरी तरफ बीजेपी के नेता कहते है की जातीय जनगणना को लेकर जल्दबाजी क्यों. इस बीच, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि एनडीए (Lalan Singh on BJP JDU Rift) में अभी तक तो सब कुछ ठीक ठाक है.
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बिहार NDA में सब ठीक है! :जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से जब पूछा गया कि क्या बिहार एनडीए में सब ठीक है? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार एनडीए में अभी तक तो सब ठीक ठाक है. कहां कोई दिक्कत है? वहीं जातीय जनगणना के सवाल पर उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना (Lalan Singh on Caste Census) समय की माग है. ललन सिंह से जब आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (RJD Leader Lalu Prasad Yadav) के घर छापे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, 'जिसने रेड डाला वही बताएगा.'
जातीय जनगणना पर एनडीए में घमासान:बता दें कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार की राजनीति एक बार फिर करवट लेती दिख रही है. पहली बार सत्ता पक्ष में बैठी पार्टी जेडीयू और विपक्ष में बैठी आरजेडी एक साथ हैं. दोनों ही पार्टियां जातीय जनगणना कराने की मांग कर रही हैं. दूसरी तरफ सत्ता में साझीदार बीजेपी जातीय जनगणना के खिलाफ अकेले खड़ी है. इधऱ जेडीयू और बीजेपी के बीच दिखती दूरियों में विपक्ष अपने लिए नई संभावनाएं देख रहा है.
लेकिन, इस बार यह पूरा मसला जेडीयू कोटे से मोदी सरकार में मंत्री बने आरसीपी सिंह की राज्यसभा में वापसी के सवाल के साथ शुरू हुआ था. अभी तक इस विवाद का कोई समाधान निकल भी नहीं पाया था कि जातीय जनगणना को लेकर नीतीश कुमार द्वारा उठाए गए कदम ने बीजेपी के सामने एक और परेशानी खड़ी कर दी है. दरअसल, लंबे समय तक चले वाद-विवाद और कई फॉर्मूले पर चर्चा के बाद जेडीयू कोटे से केवल एक नेता आरसीपी सिंह को मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल किया गया था. लेकिन अब राज्यसभा का उनका कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त होने जा रहा है. मंत्री बने रहने के लिए उनका सांसद बने रहना जरूरी है लेकिन विधायकों की संख्या के आधार पर जेडीयू सिर्फ एक उम्मीदवार को ही जीता सकती है लेकिन उस सीट को लेकर भी कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं.