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पेगासस जासूसी विवाद: JDU का बयान- 'ऐसी घटना नहीं हुई, जांच की जरूरत नहीं'

पेगासस जासूसी विवाद पर जदयू एमपी ने कहा है कि देश में ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है, इसलिए प्रधानमंत्री को इसपर सफाई देने की जरूरत नहीं है. विपक्ष सिर्फ लोगों को गुमराह करने का काम कर रहा है.

sunil kumar pintu
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Published : Jul 27, 2021, 7:06 PM IST

Updated : Jul 27, 2021, 7:25 PM IST

नई दिल्ली/पटनाःपेगासस जासूसी विवाद (Pegasus Detective Scandal) पर जदयू (JDU) की ओर से बयान आया है. इस मुद्दे पर बोलते हुए जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू (Sunil Kumar Pintu) ने कहा है कि जब हमारे देश में इस तरह की कोई घटना ही नहीं हुई है, तब इसकी जांच की क्या जरूरत है? विपक्ष बेवजह जनता को गुमराह करने का काम कर रहा है.

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"पेगासस मामले की जेपीसी या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की जरूरत नहीं है. पीएम मोदी को भी संसद में इस विषय पर सफाई देने की जरूरत नहीं है. विपक्ष को अगर दिक्कत है तो इस मुद्दे पर संसद में चर्चा करे, सरकार चर्चा को तैयार है. विपक्ष सिर्फ जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस को यह पता होना चाहिए कि वह अब देश में समाप्ति की कगार पर है."- सुनील कुमार पिंटू, जदयू सांसद

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बता दें कि विपक्ष पेगासस रिपोर्ट को लेकर सरकार से लगातार सवाल पूछ रहा है कि सरकार ये बताए कि उसने पेगासस स्पाइवेयर खरीदा है या नहीं? खरीदने में कितनी राशि खर्च की गई? इस मामले की जांच की जानी चाहिए.

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इस पूरे मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में सफाई देनी चाहिए. जेपीसी से या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग भी विपक्ष कर रहा है. बता दें एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने बीते दिनों एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि कई देशों के साथ भारत में भी स्पाइवेयर के माध्यम से नेताओं, मंत्रियों, पत्रकारों समेत तीन सौ लोगों के सत्यापित मोबाइल नंबर को निशाना बनाया गया है. इनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम भी शामिल हैं.

बता दें कि इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस मामले पर बयान दे चुके हैं. उन्होंने पेगासस जासूसी विवाद पर कहा था कि ये सब गलत बात है. किसी को डिस्टर्ब नहीं करना चाहिए.

पेगासस एक पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रेकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

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Last Updated : Jul 27, 2021, 7:25 PM IST

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