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...तो लालू की विचारधारा के कारण ICU में था स्वास्थ्य विभाग? CM नीतीश ने निकाला बाहर- JDU

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Published : Jul 14, 2021, 4:47 PM IST

Updated : Jul 14, 2021, 6:08 PM IST

जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू-राबड़ी के शासन काल की तुलना नीतीश सरकार से की हैं. नीरज कुमार ने इस बार बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था ( Bihar Health ) को लेकर सवाल खड़े किए है. पढ़ें पूरी खबर..

JDU Leader Neeraj Kumar Target RJD Chief Lalu Yadav
JDU Leader Neeraj Kumar Target RJD Chief Lalu Yadav

पटना: जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार (Neeraj Kumar) लालू यादव (Lalu Yadav )की विचारधारा को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं और अलग-अलग मुद्दों पर लालू-राबड़ी शासन काल पर निशाना साध रहे हैं. नीरज कुमार के लगातार आठ सवाल पूछने के बाद अब 9वें सवाल की बारी थी. ऐसे में जेडीयू (JDU) प्रवक्ता ने स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लालू-राबड़ी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

नीरज कुमार ने कहा कि लालू-राबड़ी शासन के स्वास्थ्य बजट से अधिक आज मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता योजना के अनुदान मद में खर्च हो रहा है. एकीकृत बिहार का स्वास्थ्य बजट औसत 64 करोड़ रुपये था, जबकि अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के 68 करोड़ 3 लाख रुपये मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष राज्य के गरीब एवं गंभीर बीमारी के इलाज के लिए 8200 रोगियों को चिकित्सा अनुदान के रुप में दिया गया.

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''सामाजिक न्याय का नारा लगाने वाली पार्टी आरजेडी यह बताएगी कि उसने समाज के गरीब तबके के इलाज के लिए सरकार की ओर से कौन सी सहायता दी थी और कितने लोग लाभान्वित हुए थे ?'' - नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू

जेडीयू प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्य नीति पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के बदौलत पोलियो मुक्ती बिहार बना, जिसकी प्रशंसा बिलगेट्स ने भी की. साथ ही स्वास्‍थ्‍य सेवा में सहयोग का हाथ बढ़ाया. बिल गेट्स ने कहा था- 'गरीबी और बीमारी के खिलाफ बिहार की प्रगति शानदार रही एवं बहुत कम राज्य हैं जिन्होंने गरीबी और बीमारी के खिलाफ अधिक प्रगति की है.'

ऐसे में अंतर साफ है कि आरजेडी के शासनकाल में आतंकराज के कारण डॉक्टर तत्कालीन राज्यपाल के यहां आला छोड़ हथियार की मांग कर रहे थे और दिल्ली जाकर जान बचाने की गुहार लगा रहे थे. दूसरी ओर बिलगेट्स ने नीतीश के शासनकाल में बिहार आकर सहयोग का हाथ बढ़ाया.

''2004-05 में बिहार में प्रति माह मात्र 39 मरीज सरकारी अस्पताल इलाज के लिए जाते थे, जो आज बढ़कर 10,496 है. सरकारी अस्प्ताल में इलाज कराने के लिए बढ़ने वाले रागियों की संख्या यह दर्शाता है कि राज्य सरकार के स्वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में किये जा रहे सुधार के कारण आम लोगों का भरोसा बढ़ा है.'' - नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू

नीरज कुमार ने कहा, स्वास्‍थ्‍य सेवा में महिलाओं की भागीदारी पर ध्यान केन्द्रित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश की महिलाओं को आगे बढ़ाया. जबकि वर्ष 2005 तक प्रदेश में मात्र 479 महिला स्वास्थ्य सहायक थी, जो 2019 में बढ़कर 20 हजार 570 हो गई. स्वास्थ्य सुविधाओं में सामाजिक बदलाव का इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो सकता है.

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उन्होंने कहा कि, आरजेडी के शासनकाल में मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज का कोई मतलब नहीं था. नीतीश कुमार के शासनकाल में कई मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज खुल गए. सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी बढ़ी. नर्सिंग की पढ़ाई के लिए दक्षिणी राज्यों पर बिहार की निर्भरता समाप्त हो गई है. लालू-राबड़ी के 15 वर्षों के शासन में मातृ-शिशु मृत्यु दर की चिंता सरकार को नहीं थी. नियमित टीकाकरण का औसत 18 फीसद था, जो अब 86 पर आ गया है. उस शासन की तुलना में मातृ-शिशु मृत्यु दर आधी से भी कम हो गई है.

''पीएमसीएच ( Patna Medical College and Hospital ) को 5,540 करोड़ की लागत से 5,462 बेड की सुविधा के साथ दुनिया का सबसे बड़ा हॉस्पिटल का रूप दिया जा रहा है. जिसका कार्यारम्भ हो गया है. वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल बेलग्रेड में 3500 बेड का है, पीएमसीएच इसे पीछे छोड़ देगा. यह दुनिया का सबसे अधिक व्यस्त रहने वाला हॉस्पिटल है.'' - नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू

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आखिर में नीरज कुमार ने कहा कि, बिहार सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अगले 15 महीनों में 3600 करोड़ की लागत से 1600 नए अतिरिक्त, प्राथमिक स्वास्‍थ्‍य केन्द्र, हेल्थे एण्ड वेलनेस सेन्टर एवं सामुदायिक स्वास्‍थ्‍य केन्द्र खोलने का प्रक्रिया प्रारंभ हो गया है.

Last Updated : Jul 14, 2021, 6:08 PM IST

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