पटना:जब से आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD State President Jagdanand Singh) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को पत्र लिखा है और उसके बाद मुख्यमंत्री ने जवाब भी दिया है, तब से यह मामला और ज्यादा सियासी रंग पकड़ता जा रहा है. जगदानंद ने सीएम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि आप यूं ही बोलकर नहीं निकल सकते हैं. आपको तर्क के साथ यह बताना होगा कि आरजेडी को अतिरिक्त जमीन क्यों नहीं मिल सकती है.
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आरजेडी ऑफिस के लिए जमीन की मांग संबंधी मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि क्या आसमान से जमीन लाएं. सीएम के बयान पर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मीडिया के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने चेहरे पर अपने भाव दर्शाया है, उससे लगता है कि वह कुछ ज्यादा ही तनाव में आ गए हैं.
जगदानंद ने कहा कि सीएम को यह बताना चाहिए कि अगर जेडीयू और बीजेपी कार्यालय का विस्तार हो सकता है तो आरजेडी कार्यालय का विस्तार क्यों नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि जमीन ना तो आसमान से टपकती है और ना ही नालंदा या कैमूर से आती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बहाने ना बनाएं. तर्क के साथ जवाब दें कि आरजेडी से ज्यादा जरूरत बीजेपी और जेडीयू को कैसे हो सकती है? सब की जरूरत बराबर है तो सबको जगह भी बराबर मिलनी चाहिए. बिना आवश्यकता के बिहार में एक से बढ़कर एक भवन बनाए जा रहे हैं. जब श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल से काम चल रहा था तो बापू सभागार बनाने की क्या जरूरत है? इतने सारे अफसर और विधायक के फ्लैट तोड़कर नया म्यूजियम बनाने की क्या जरूरत है?
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जगदानंद सिंह ने कहा, 'मुख्यमंत्री जी यह सारे काम सिर्फ कमीशन खोरी के लिए हो रहे हैं. जितने भवन नए बने हैं सब में पानी टपक रहा है और वे गिर रहे हैं. ऐसा निर्माण क्यों कराया गया? आप ही सिर्फ सरकार का हिस्सा नहीं हैं. प्रतिपक्ष भी सरकार का हिस्सा है यह मत भूलिए. आपने अनेकों फ्लैट तोड़कर अपने कब्जे में कर लिया.
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, 'उनके चेहरे की बनावट और शब्दों में झल्लाहट को मैंने देखा. लोगों को भले ही मालूम हो या नहीं हो, लेकिन मैं जानता हूं कि उनका स्वभाव ही यही है. क्योंकि तर्कों के आधार पर और आवश्यकता के आधार पर उनका निर्णय होता ही नहीं है'- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी
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दरअसल प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मार्च महीने में ही भवन निर्माण विभाग को पत्र लिखकर वीर चंद पटेल पथ स्थित आरजेडी के प्रदेश कार्यालय के बगल वाली जमीन देने की मांग की थी ताकि प्रदेश कार्यालय के दफ्तर का विस्तार किया जा सके. उन्होंने बीजेपी और जेडीयू के दफ्तर के क्षेत्रफल का जिक्र भी किया था और कहा था कि सबसे छोटा एरिया आरजेडी प्रदेश कार्यालय का है. इसमें काम करने के लिए जगह कम पड़ रही है, लिहाजा बगल वाली जमीन उन्हें दी जाए.
5 महीने बाद भवन निर्माण विभाग ने जवाब देते हुए यह कहा कि बगल का बंगला हाईकोर्ट पूल में आता है, इसलिए वह आरजेडी को नहीं दिया जा सकता. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा और उनसे वीर चंद पटेल पथ वाली जमीन देने की मांग की और यह भी कहा कि ये तो सरकार के अधिकार क्षेत्र में है कि वह किस जमीन को किस पूल में रखती है.
इसी को लेकर शुक्रवार को जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा, 'सभी पार्टियों को कार्यालय मिला हुआ है. वे लोग क्या बोलते हैं वे ही जानें. उन्हीं से पूछिए. 2006 में सभी पार्टियों के लिए जमीन का इंतजाम किया गया था. इन लोगों ने कभी सभी मान्यता प्राप्त पार्टियों को जमीन दिया है? हमलोगों ने ही जमीन दी. उस वक्त जो जमीन पसंद किया वही दिया गया. भला बताइए अब आसमान से जमीन लाएं क्या?'