पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में सात निश्चय -2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना की समीक्षात्मक बैठक (Irrigation Water Scheme Review Meeting) की गई. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में हुई, इस समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव, लघु जल संसाधन विभाग, परमार रवि मनुभाई, प्रधान सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अरविंद कुमार चौधरी, सचिव जल संसाधन संजय अग्रवाल, प्रधान सचिव ऊर्जा विभाग संजीव हंस एवं निदेशक कृषि ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सात निश्चय-2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना के प्रगति प्रतिवेदन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
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हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना :बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर हाल में वर्ष 2025 तक हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना को पूर्ण करने का निर्देश दिया. समीक्षात्मक बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 के संबंध में वर्ष 2021 में ही बैठक हुई थी. हर खेत तक सिंचाई का पानी, लक्ष्य के अनुरूप निर्धारित समय के अंदर पहुंचे, इसको लेकर तेजी से काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर नदियों को जोड़ने की दिशा में भी तेजी से काम करें, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध रहे.
'टाल क्षेत्र के लिए कैसी-कैसी योजनायें बनाई गयी हैं, उससे आप सभी भली भांति अवगत हैं. सभी तरह की सुविधा दी गयी है. पहले समस्तीपुर बाढ़ से कितना ज्यादा प्रभावित होता था. बेगूसराय, खगड़िया में काफी समय तक जलजमाव रहता था. भागलपुर के दक्षिणी और उत्तरी भाग की कैसी स्थिति रहती थी. बाढ़ आने पर दरभंगा, सीतामढ़ी और शिवहर में तो स्थिति और अधिक भयावह रहती थी. बाढ़ आने पर सीतामढ़ी और शिवहर के इलाके में तो 4 महीने तक आवागमन बाधित रहता था. चारों ओर पानी से यह इलाका डूबा रहता था. वर्ष 2005 में जाकर हमने देखा उसके बाद काफी काम कराया गया. अब सीतामढ़ी और शिवहर में आसानी से लोग सालों भर आवागमन करते हैं.'- नीतीश कुमार, सीएम
सिंचाई निश्चय योजना की समीक्षा बैठक : मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 जनवरी 2021 की बैठक में हर खेत तक सिंचाई निश्चय योजना के संबंध में एक-एक बात पर चर्चा हुई थी. बड़ी योजनाएं जल संसाधन विभाग को दी गयी हैं और इस काम में आपका सहयोग अन्य विभागों के लिए भी बहुत जरूरी है. हमलोगों ने जल संसाधन विभाग को बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई कार्य के लिए दो भागों में बांट दिया है. ताकि दोनों ही काम बेहतर ढंग से ससमय हो सके.
बैठक में कई मंत्री और अधिकारी हुए शमिल : मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु जल संसाधन विभाग को अगर किसी प्रकार की कठिनाई हो रही है तो वे कृषि विभाग के साथ बैठक कर इस काम में मदद लें. उन्होंने कहा कि निजी नलकूप योजना को बढ़ाने की दिशा में भी संबंधित विभाग गहन विमर्श कर प्रस्ताव तैयार करें. बैठक में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, जल संसाधन मंत्री संजय झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी सभी आला अधिकारी मौजूद थे.