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शिक्षकों की हड़ताल के साइड इफेक्ट: राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग को छात्रों का पत्र - शिक्षकों की हड़ताल

इंटरमीडिएट के परीक्षार्थी प्रभात कुमार और अभिषेक राज ने अनुरोध किया है कि 3 साल से कम शिक्षण अनुभव वाले गेस्ट टीचर्स से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर रोक लगाई जाए. अब तक उनसे मूल्यांकन कराए गए सभी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच नियमानुसार 3 साल से अधिक शिक्षण अनुभव वाले शिक्षकों से कराई जाए.

inter students letter
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Published : Mar 12, 2020, 9:41 PM IST

Updated : Mar 12, 2020, 10:15 PM IST

पटना: बिहार में इंटरमीडिएट और मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन का काम चल रहा है. शिक्षकों की हड़ताल के कारण बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मूल्यांकन समय पर पूरा करने के लिए गेस्ट टीचर्स के अलावा अन्य शिक्षकों को भी इस काम में लगा दिया है. इसे लेकर एक छात्र ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के पास शिकायती पत्र लिखा है.

राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग को छात्रों का पत्र
मुजफ्फरपुर के इंटर छात्रों ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल और शिक्षा विभाग समेत अन्य को पत्र लिखकर शिकायत की है. पत्र में लिखा है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के नियम के मुताबिक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य सिर्फ वैसे शिक्षक ही कर सकते हैं जिनके पास कम से कम 3 साल का शिक्षण अनुभव हो. लेकिन बिहार बोर्ड द्वारा मनमाने तरीके से गेस्ट टीचर्स को मूल्यांकन कार्य में लगा दिया गया है, जिनके पास 3 साल का अनुभव भी नहीं है. ऐसे में आशंका है कि ऐसे परीक्षक सही तरीके से कॉपियों का मूल्यांकन नहीं कर सकेंगे. इससे हमारा परीक्षा परिणाम प्रभावित हो सकता है.

सही तरीके से कॉपियों के मूल्यांकन की मांग
इंटरमीडिएट के परीक्षार्थी प्रभात कुमार और अभिषेक राज ने अनुरोध किया है कि 3 साल से कम शिक्षण अनुभव वाले गेस्ट टीचर्स से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर रोक लगाई जाए. इसके अलावा अब तक उनसे मूल्यांकन कराए गए सभी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच नियमानुसार 3 साल से अधिक शिक्षण अनुभव वाले शिक्षकों से कराई जाए.

Last Updated : Mar 12, 2020, 10:15 PM IST

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