पटना :योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (Yogi Adityanath Oath Ceremony) बन गए हैं. तीन दशक से भी अधिक समय के बाद उत्तर प्रदेश में किसी भी सरकार की दोबारा वापसी हुई है. शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाया गया. प्रधानमंत्री से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. हालांकि चर्चा नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के शपथ ग्रहण में जाने को लेकर होती रही. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल भी हुए. प्रधानमंत्री से मुलाकात भी हुई और योगी आदित्यनाथ को बधाई भी दी.
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चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि जेडीयू ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ कई सीटों पर उम्मीदवार उतारा था. बीजेपी से तालमेल नहीं हुई थी, उसके बाद जेडीयू नेताओं ने बीजेपी के खिलाफ हुंकार भरी. पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार के खिलाफ प्रचार भी किया था. इन सब के बावजूद बीजेपी ने नीतीश कुमार को शपथ ग्रहण में आमंत्रित किया. नीतीश कुमार समारोह में शामिल हुए और जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले उसके बाद राजनीतिक विश्लेषक कहने लगे, ये 2024 का गेम प्लान है.
''बिहार में बीजेपी और जेडीयू का लंबे समय से गठबंधन है. नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के लिए अभी भी बड़े मोहरे हो सकते हैं. 2019 में नीतीश कुमार के सहयोग के कारण ही एनडीए को 39 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी. इसीलिए बीजेपी 2024 तक नीतीश कुमार को अपने साथ हर हाल में रखना चाहती है. जिससे कोई नुकसान लोकसभा चुनाव में ना हो. एक तरह से बीजेपी का यह गेम प्लान हो सकता है क्योंकि जदयू के चुनाव लड़ने के बाद भी बीजेपी ने नीतीश कुमार को वहां आमंत्रित किया.'' - रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
योगी के नहीं तो ममता के शपथ में जाएंगे ? :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में जाने पर बीजेपी विधायक पवन जायसवाल का कहना है कि सीएम नीतीश एनडीए के सहयोगी हैं. उत्तर प्रदेश नहीं जाएंगे तो क्या ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह में जाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हम लोगों के साथ हैं. हालांकि बिहार की विपक्षी पार्टी के नेता नीतीश कुमार के इस कदम से परेशान दिख रहे हैं. आरजेडी और सीपीआईएम के विधायकों ने कहा कि 2024 और 25 की तैयारी ही है.
BJP नहीं लेना चाह रही है रिस्क :यहां यह बताना भी जरूरी है कि बिहार में जेडीयू 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद ही 2024 और 2025 की तैयारी में जोर शोर से लगा है. पार्टी में कई स्तर पर बदलाव किए गए हैं. उत्तर प्रदेश में शपथ ग्रहण समारोह से 2024 चुनाव की तैयारी की झलक भी दिखने लगी है. ऐसे तो 5 राज्यों में से चार राज्यों में मिली जीत के बाद से ही बीजेपी की तरफ से कहा जाने लगा है कि 2024 की झांकी चार राज्यों के रिजल्ट ने दे दिया है. इन सबके बाद भी बीजेपी बिहार में किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है. इसीलिए नीतीश कुमार को अपने साथ बनाए रखना चाहती है.
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