पटना: बिहार के आईजीआईएमएस पटना में ओमीक्रोन मिल चुका है. 32 सैंपल में से 27 में ओमीक्रोन पाया गया. जिसमें बिहार में ओमीक्रोन का अधिकतर स्ट्रेन अफ्रीकी स्ट्रेन से अलग है. लेकिन अफ्रीका में मिला स्ट्रेन महाराष्ट्र में मिल चुका है. अफ्रीका के ओमीक्रोन का स्ट्रेन B.1.1.529 है. बिहार में मिले ओमीक्रोन के 27 मामले में से 24 में ओमीक्रोन का BA.2 स्ट्रेन मिला है, जो अफ्रिका के ओमीक्रोन स्ट्रेन से अलग है. 3 सैंपल में ओमीक्रोन का अफ्रीकन स्ट्रेन B.1.1.529 मिला है. विशेषज्ञ ने बताया कि बिहार में मिले वैरिएंट के कितने प्रकार (Information About Different Variant of Omicron in Bihar) हैं.
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'ओमीक्रोन की शुरुआत अफ्रीकी देशों और साउथ अफ्रीका से हुई थी. ओमीक्रोन वैरिएंट के सबटाइप हैं, B.1.1.529, BA.2 और BA.3. ओमीक्रोन का सबसे पहले सबटाइप B.1.1.529 मिला था. लेकिन आईजीआईएमएस में हुए जीनोम सिक्वेंसिंग में अधिकतर ओमीक्रोन का सबटाइप BA.2 मिला. भारत में ही कई राज्यों में ओमीक्रोन का सबटाइप BA.3 भी मिला है. ओमीक्रोन के अलग सब टाइप में बहुत अधिक बदलाव नहीं है. चिकित्सा जगत इस बात से कंसर्न रखता है कि बीमारी का कोर्स कैसा है. इसका आदमी के शरीर पर इंपैक्ट कैसा है. अभी के समय में वायरस के जेनेटिक लेवल पर इस प्रकार का सबटाइप देखने को मिल रहा है. आने वाला समय बताएगा कि इसका असर कैसा होता है और यह साउथ अफ्रीका में मिले ओमीक्रोन वैरिएंट से नेचर में कितना अलग है.'-डॉ. नम्रता कुमारी, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, आईजीआईएमएस
प्रदेश में संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में डॉ. नम्रता कुमारी ने बताया कि संक्रमण के पीक के बारे में अभी कुछ अधिक नहीं बताया जा सकता है. प्रदेश में जिस प्रकार अभी संक्रमण चल रहा है, अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में संक्रमण के पीक की शुरुआत हो गई है. एकदम से कोई डेट नहीं बताया जा सकता है कि इस दिन संक्रमण पीक पर रहेगा. बिहार में कई सुदूर इलाके हैं जहां से जांच के लिए अधिक सैंपल नहीं आते हैं.