पटना: बिहार से लगे इंडो-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border)अवैध कारोबार का अड्डा बनता जा रहा है. एक तरफ जहां खुले बॉर्डर का फायदा उठाकर आतंकी व अराजक तत्व भारत में इंट्री ले लेते हैं, वहीं दूसरी तरफ नकली नोट (Counterfeit Notes) और नशीले पदार्थों (Drugs) का कारोबार भी धड़ल्ले से जारी है. नेपाल और चीन के बीच बढ़ती नजदीकियों से बिहार जैसे राज्यों की चिंता भी बढ़ गई है. भारत-नेपाल के बीच खुले बॉर्डर का फायदा आतंकी और अवैध कारोबारी उठा रहे हैं. अप्रत्यक्ष तौर पर चीन का साथ ही उन्हें मिल रहा है.
ये भी पढ़ें: पूरे देश में फैला था साइबर अपराधी मुन्ना का जाल, पूछताछ करने आयेगी दिल्ली पुलिस
मादक पदार्थों की तस्करी का नेपाल मॉड्यूल (Nepal module of Smuggling) भी सामने आ चुका है. हाल के दिनों में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने चंपारण निवासी वाहिद अहमद को 12 किलो चरस के साथ गिरफ्तार किया था. वह नेपाल से चरस लाकर अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करता था. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक बर्मा और चीन से नशीले पदार्थ सिलीगुड़ी के रास्ते नेपाल और फिर भारत लाए जाते हैं. पिछले साल मुंबई और गोवा में हेरोइन की बड़ी खेप पकड़ी गई थी. गांजा और हेरोइन को नेपाल और मोतिहारी के रास्ते गोवा तक पहुंचाया गया था. इस हेरोइन की कीमत करोड़ों रुपए थी.
तस्करी के मामलों में हुआ जबरदस्त इजाफा
हाल के कुछ वर्षों में तस्करी के मामलों में जबरदस्त इजाफा हुआ है. नकली नोटों का कारोबार भी फल-फूल रहा है. खुफिया विभाग (Intelligence) का कहना है कि चीन और पाकिस्तान एक ओर जहां आतंकियों को नेपाल के जरिए आर्थिक मदद पहुंचा रहे हैं, वही नकली नोटों का कारोबार का केंद्र भी नेपाल बन चुका है. आईएसआई (ISI) नेपाल के रास्ते नकली नोटों को भारत पहुंचा रहा. डी कंपनी की इसमें सक्रिय भूमिका है.
कारोबार में लगे लोग बांग्लादेश के जरिए भी अवैध कारोबार कर रहे हैं. 30 मई 2019 को भारतीय खुफिया एजेंसी की सूचना पर नेपाल पुलिस ने काठमांडू एयरपोर्ट पर चार करोड़ के नकली नोटों के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया था. जिसमें तीन पाकिस्तानी नागरिक दोहा से काठमांडू पहुंचे थे. 2 अगस्त 2021 को भी पुलिस ने नौ लाख की फेक करेंसी के साथ 8 लोगों को गिरफ्तार किया था. यह घटना मुजफ्फरपुर की है.
ये भी पढ़ें: सत्ता में 16 साल: बदले-बदले नजर आए 'सरकार', पिछले एक बरस में टूट गया सुशासन बाबू का 'तिलिस्म'
इंडो नेपाल सीमा से गिरफ्तार हुआ था भटकल
जनवरी 2018 से जनवरी 2020 के बीच 107 करोड़ के नकली नोट पकड़े गए. जनवरी 2018 में बीएसएफ ने बांग्लादेश बॉर्डर पर 53 करोड़ के नकली नोट पकड़े थे. 2019 में 51 करोड़ के नकली नोट पकड़े गए थे. इंडो नेपाल बॉर्डर आतंकियों के लिए भी सेफ जोन है. बॉर्डर खुला होने के चलते आतंकी आराम से बिहार में दाखिल हो जाते हैं. नेपाल से सटे जिले मधुबनी और दरभंगा में स्लीपर सेल एक्टिव हैं. खूंखार आतंकवादी यासीन भटकल भी उन्हीं इलाकों में आतंक की पाठशाला चलाता था. 40 बम धमाकों का आरोपी यासीन भटकल को 29 अगस्त 2013 को इंडो नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था. भटकल से पहले लश्करे तोइबा के मास्टरमाइंड अब्दुल करीम टुंडा को भी गिरफ्तार किया गया था. यासीन भटकल के साथ इंडियन मुजाहिदीन का एक अन्य नेता असदुल्लाह अख्तर उर्फ हड्डी को भी गिरफ्तार किया गया था.