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'साहब... 5 साल हो गए, अधिकारी कहते हैं आपके नाम पर इंदिरा आवास आवंटित है... लेकिन मुझे मिला नहीं'

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Published : Oct 18, 2021, 12:37 PM IST

इंदिरा आवास का मुद्दा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में उठा. समस्तीपुर से आए एक फिरयादी ने कहा कि 5 साल बीच गए लेकिन अबतक उन्हें लाभ नहीं मिला है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Indira Awas
Indira Awas

पटना: सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार (Nitish Kumar Janta Darbar) में आए एक फरियादी ने कहा कि 5 साल बीत गए. मेरे नाम से इंदिरा आवास (Indira Awas) आवंटित भी हो चुका है. लेकिन अबतक यह मुझे नहीं मिला है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन करके संबंधित विभाग को समस्या को जल्द दूर करने का निर्देश दिया.

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''इंदिरा आवास सूचि में मेरा नाम आया हुआ था. सहायक ने कहा कि खाता खुलवा लीजिए. हम दे देंगे. दो महीने बात उनका ट्रांसफर हो गया. दूसरे सहायक आए तो उन्होंने कहा कि आपने नाम से आवंटित हो चुका है. उसके बाद हम डीएम ऑफिस भी गए. ब्लॉक भी गए. कही सुनवाई नहीं हुई उसके बाद आपके जनता दरबार में आए हैं.'' समस्तीपुर से आए फरियादी

देखें वीडियो.

यह सुनकर सीएम नीतीश कुमार ने पूछा कि इंदिरा आवास का पूरा पैसा आपको नहीं मिला है. इसपर फरियादी ने कहा कि कुछ भी नहीं मिला है. एक भी नहीं मिला है. नीतीश कुमार ने फिर पूछा, यह आपको कब आवंटित हुआ? इसके जवाब में फरियादी ने कहा कि 5 साल हो गए हैं. इसके बाद नीतीश कुमार ने संबंधित विभाग को फोन कर समस्या को जल्द दूर करने का निर्देश दिया.

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बता दें कि 5 साल के बाद कोरोना काल में शुरू किए गए जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में फिलहाल सीमित संख्या में ही लोगों को शामिल किया जा रहा है. जनता दरबार में शामिल होने के लिए लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है.

दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनते हैं. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती हैं. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

प्रथम सोमवार: गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाते हैं.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें सुनी जाती है.

तृतीय सोमवार :ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभागों के मामले लिए जाते हैं.

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