पटना:आज महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) के मौके पर श्रद्धालु भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना करते हैं. भोलेनाथ का पूरे विधि विधान के साथ जलाभिषेक किया जाता है. बेल पत्र, दूध, धतुरा ये सारी चीजें भगवान शिव को अति प्रिय हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
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महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त :भगवान महाकाल की आराधना का सबसे बड़ा दिन महाशिवरात्रि (Mahashivratri Festival) के दिन 4 साल बाद शुभ मुहूर्त और संयोग के साथ ही पंचग्रही योग भी बन रहा है. इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलेगा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आचार्य रामाशंकर दुबे ने बताया कि महाशिवरात्रि 1 मार्च को सुबह 03.16 मिनट से शुरू होकर बुधवार 2 मार्च को सुबह 10 बजे तक रहेगी. रात्रि में शिव जी के पूजन का शुभ समय शाम 06.22 मिनट से शुरू होकर रात्रि 12.33 मिनट तक रहेगा.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार प्रकट हुए थे. शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में था. ऐसा शिवलिंग जिसका ना तो आदि था और न अंत. बताया जाता है कि शिवलिंग का पता लगाने के लिए ब्रह्माजी हंस के रूप में शिवलिंग के सबसे ऊपरी भाग को देखने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वह सफल नहीं हो पाए. वह शिवलिंग के सबसे ऊपरी भाग तक पहुंच ही नहीं पाए. दूसरी ओर भगवान विष्णु भी वराह का रूप लेकर शिवलिंग का आधार ढूंढ रहे थे लेकिन उन्हें भी आधार नहीं मिल पाया.