पटना: विपक्ष को मजबूत करने के प्रयास में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (Telangana cm KCR bihar visit ) बुधवार को राज्य की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात करेंगे. नीतीश, जिन्होंने हाल ही में बीजेपी से नाता तोड़ लिया और आरजेडी और छह अन्य घटकों के साथ सरकार बनाई 2024 में मौजूदा नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए संभावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है.
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इन राज्यों के CM से मिल चुके है KCR :बैठक के पीछे मकसद एक ऐसा मोर्चा बनाना है जो आगामी लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को टक्कर दे सके. यह इस बात से पुष्टि होती है कि राव पहले अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिल चुके हैं, जिनमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु के सीएम के एम के स्टालिन, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे शामिल हैं.
दोपहर के भोजन पर नीतीश केसीआर मुलाकात : बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सबसे महत्वपूर्ण विपक्षी नेताओं में से एक केसीआर के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहली मुलाकात होगी. इससे पहले, जनवरी 2022 में तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर तेलंगाना के सीएम से उनके आधिकारिक आवास प्रगति भवन में हैदराबाद में मुलाकात की थी. बिहार मुख्यमंत्री सचिवालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को पहले ही पुष्टि कर दी है कि राव दोपहर के भोजन पर नीतीश और तेजस्वी से मुलाकात (KCR Lunch With CM Nitish) करेंगे. राव सुबह 11 बजे से पहले पटना हवाईअड्डे पर उतरने की संभावना है.
"राव गलवान घाटी में शहीद हुए प्रत्येक मृतक परिवार के सदस्यों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा भी वितरित करेंगे. वही इस साल मार्च में भोईगुड़ा में आग लगने से मारे गए बिहार के 12 प्रवासी मजदूरों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये का चेक भी देंगे,”- अधिकारी, बिहार मुख्यमंत्री सचिवालय
नीतीश के साथ दोपहर का भोजन करेंगे KCR :इस बीच, सूत्रों की माने तो तेलंगानाना सीएम चंद्रशेखर राव नीतीश कुमार के साथ दोपहर का भोजन करेंगे. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के लिए किसी विशेष व्यंजन के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, "हां, राव को दक्षिण भारतीय व्यंजन परोसे जाएंगे, साथ में बिहार के स्थानीय व्यंजन भी दोपहर के भोजन में परोसा जायेगा अगर वह स्वाद लेना चाहते हैं तो.''
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लालू से भी मुलाकात करेंगे KCR :आरजेडी के सूत्रों के मुताबिक, केसीआर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी की पत्नी राजश्री यादव से 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर मुलाकात करेंगे. इस बीच, राव की नीतीश से मुलाकात के राजनीतिक महत्व को साझा करते हुए, बिहार के राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा कि बैठक में पीएम मोदी को चुनौती देने के लिए संभावित उम्मीदवार के रूप में नीतीश की स्वीकार्यता को जोर मिलेगा.
“केसीआर बीजेपी विरोधी खेमे के साथ-साथ दक्षिण भारत के भी मजबूत नेता हैं. जिस तरह लालू यादव, नीतीश कुमार और अखिलेश यादव जैसे नेता हिंदी पट्टी के मजबूत नेता हैं, उसी तरह केसीआर दक्षिण के क्षेत्रीय दलों में सबसे मजबूत नेताओं में से एक हैं. तेलंगाना से आकर और नीतीश से मिलना एक संभावित नेता की स्वीकार्यता को जोर देता है जो 2024 में पीएम मोदी को चुनौती देने के सक्षम है.''- नलिन वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार व लेखक
नलिन वर्मा ने ईटीवी भारत से कहा कि "मायावती को छोड़कर, हिंदी पट्टी के सभी नेताओं के बीच नीतीश की स्वीकार्यता है और दक्षिण में केसीआर जैसे नेता राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने की संभावनाओं को और बढ़ा सकते हैं. ऐसा माना जाता है की बिहार में बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद, केसीआर ही पहले सीएम थे जिन्होंने नीतीश को फोन किया था और उन्हें साहसिक निर्णय के लिए बधाई दी थी. उसी समय नीतीश ने भी स्पष्ट रूप से कहा था कि उन्हें विपक्षी नेताओं के फोन आ रहे हैं और वह विपक्ष को एकजुट करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.''
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नीतीश- KCR मुलाकात पर एक्सपर्ट की राय:पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना बिहार के सीएम नीतीश ने एक कदम और आगे बढ़कर दावा किया था कि 2014 वाली स्थिति 2024 में नहीं होगी. उनका यह बयान इस बात का स्पष्ट संकेत था कि उन्होंने अगले लोक सभा में मोदी के रथ को रोकने की योजना बना ली है. इस बीच, पटना के एक अन्य राजनीतिक विशेषज्ञ डॉ संजय कुमार ने कहा कि दो मुख्यमंत्रियों की बैठक हमेशा राजनीतिक महत्व रखती है और अगले आम चुनाव से पहले विपक्षी एकता के रूप में देखा जाना चाहिए.
“यदि आप बीजेपी शासित राज्य को छोड़ देते हैं, तो नीतीश की सभी क्षेत्रीय दलों के बीच स्वीकार्यता है. केसीआर भी अच्छी तरह जानते हैं कि अगर विपक्ष को मजबूत करना है तो नीतीश विपक्ष का सबसे अहम चेहरा हैं. मुझे लगता है कि केसीआर नीतीश को उत्तर भारत के विपक्षी नेताओं को एकजुट करने के लिए कहेंगे और वह दक्षिण भारत का ख्याल रखेंगे. दोनों नेताओं की अपने-अपने राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा देने को लेकर समान चिंताएं हैं. तेलंगाना के गठन के समय केसीआर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया गया था जो उन्हें अब तक नहीं मिला है. इसी तरह नीतीश लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं. मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में केसीआर और नीतीश की मुलाकात का राष्ट्रीय राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा,''- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ
सियासी लंच पर BJP का वार : केसीआर की बिहार के सीएम से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर, बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, “तेलंगाना के भ्रष्ट केसीआर शासन को अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा. 'केसीआर' की फैमिली पार्टी 'टीआरएस' जनता के धन को लूटने और उगाही- वसूली के लिए कुख्यात है. अब केसीआर दूसरे राज्यों में घुमकर दुष्प्रचार हेतु भ्रष्ट भागीदारों की तलाश कर रहे हैं."
KCR- CM नीतीश मुलाकात पर क्या बोली RJD : दूसरी ओर आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा, 'आने वाले दिनों में बीजेपी खूब हायतौबा मचाएगी क्योंकि कई अन्य विपक्षी नेता नीतीश जी और तेजस्वी जी से मिलने बिहार आएंगे. बस इंतजार करें और देखें कि इस देश के लोग पीएम मोदी को कैसे हटाएंगे जिसमें विपक्ष और बिहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.”