पटना: केंद्र के बाद अब राज्यों ने भी बजट की तैयारी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में बिहार विधानमंडल का बजट सत्र (Budget Session of Bihar Legislature) के लिए तारीखों की घोषणा भी कर दी गई है. 28 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट (Bihar Budget 2022) सदन में पेश होगा. राज्य सरकार महंगाई और बेरोजगारी को देखते हुए बजट पेश करेगी. ऐसे में बजट से राज्य के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. राज्य सरकार के बजट से महिलाएं काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं.
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विश्व में कोविड-19 के कहर का असर भारत समेत बिहार पर भी पड़ा था. कोरोना संक्रमण से टूट चुके परिवार को बस सरकार से आस है कि बजट में ऐसी व्यवस्था हो जिस से सभी वर्ग के लोगों को राहत मिले. महिलाओं का यह कहना है कि सभी कोरोना महामारी से 2 सालों से जूझ रहे हैं. कमाई भी पहले के जैसे नहीं रही और महंगाई बढ़ गई है. घर का खर्चा, किचन चलाना अब पहले जैसा नहीं रहा. घर का खर्चा चलाना भी दोगुना हो गया है और कमाई कम हो गई है. राजधानी पटना की रहने वाली गृहिणी रिता देवी ने बताया कि महंगाई की मार से लोग व्याकुल हो चुके हैं.
''साग सब्जी से लेकर खाद्य पदार्थ के दाम और तेल सिलेंडर सब का दाम बढ़ गया. सरकार को चिंता इस बात की करनी चाहिए कि जो रोज खाने-पीने के समान है, उसके दामों में कमी करें, जिससे गरीब और अमीर सबको रहा था. बजट आने वाला है तो राज्य सरकार हर एक बात से वाकिफ है. ऐसे में सरकार जो निर्णय लेगी अच्छा ही लेगी.''-रीता देवी, गृहिणी
वहीं, इंदु पांडे का भी मानना है कि खाद्य पदार्थ के दाम में कमी होनी चाहिए. सरकारी जॉब करने वाले लोगों का वेतन भत्ता बढ़ जाता है. उनका घर खर्च आसानी से चल पाता है, लेकिन एक मिडिल क्लास फैमिली रोज कमाती है रोज खाती है. वह भी कोरोना काल से पूरी तरह से टूट चुका है. ऐसे में घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है. एक महिलाएं घर को चलाती है, घर का मैनेजमेंट करती है. ऐसे में बढ़ती महंगाई से घर की स्थिति बिगड़ रही है. सरकार इस बजट में महंगाई कम करने के लिए बजट लाए जिससे कि सभी नागरिकों को राहत मिले हैं.
कुल मिलाकर देखा जाए तो रसोई और घर का मैनेजमेंट करने वाली महिलाएं इस बजट से यही अपेक्षा कर रहे हैं कि जिस तरह से खाद्य पदार्थ के दाम बढ़ाए गए हैं. उसमें कमी की जाए, जिससे लोग आसानी से अपने घर परिवार का भरण पोषण कर सकें. लोगों का यह मानना है कि कोरोना संक्रमण काल में बहुत सारे मिडिल क्लास के लोगों का नौकरी तक चली गई. दूसरी तरफ पेट्रोल, डीजल और गैस सिलेंडर जो सामान प्रतिदिन उपयोग किया जाता है, उसकी कीमत बढ़ गई है. इसे आम लोगों को राहत कैसे मिले सरकार इस बजट में व्यवस्था करें.
कोरोना महामारी से टूट चुके लोगों को राज्य के बजट से काफी उम्मीद है, लेकिन जब बजट पेश होगा. तब ही पता चलेगा कि बजट का आकार क्या होगा और किस वर्ग को इससे कितना लाभ मिलेगा. लेकिन बिहार के लोग महंगाई से परेशान हो रहे हैं और महंगाई को कम करने के लिए अपनी मांग सरकार के समक्ष रख रहे हैं.
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