पटना:बिहार मोटर वाहन कानून 1992 के प्रावधानों में राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में किए गए संशोधन की (Hearing on Validity of Amendment of BMV Act in HC) संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने रेणु देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब देने के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी है.
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बिहार मोटर वाहन कानून 1992 के संशोधन पर सुनवाई: कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता पुष्कर नारायण शाही ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 11 अगस्त, 2021 को बिहार गजट में अधिसूचना के रूप में प्रकाशित किये गए संशोधन रूल 2021 को लागू नहीं करने का निर्देश सरकार को दिया जाए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि पूर्व के कानून में क्लेम केस में दावेदार को अपनी इच्छा के अनुसार अपनी पसंद का एडवोकेट नियुक्त करने और अपनी पसंद का क्लेम ट्रिब्यूनल चुनने का अधिकार एमवी एक्ट, 1988 की धारा 166 के अनुसार दिया गया है.
लोकहित में पूर्व के कानून को ही रखने की मांग:'भले ही दुर्घटना कहीं भी घटित हुआ हो इसलिए लोकहित में पूर्व के कानून को ही बरकरार रखने का निर्देश दिया जाय. इस तरह के गैर कानूनी नियमों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की आवश्यकता है. अगर इस पर रोक नही लगाई गई तो मोटर वाहन दुर्घटना के हजारों पीड़ितों को काफी कठिनाइयां होगीं.'- पुष्कर नारायण शाही, वरीय अधिवक्ता