पटना: बिहार नगर पालिका एक्ट 2007 (Bihar Municipality Act 2007) के चैप्टर 5 व 31 मार्च 2021 को राज्य सरकार द्वारा किए गए संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच में डॉ आशीष कुमार सिन्हा की याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार से (Reply sought from Center Government on amendment) जवाब तलब किया.
ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट में कदमकुआं वेंडिंग जोन मामले की सुनवाई, कोर्ट ने दिए ये निर्देश
यह मामला नगरपालिका में संवर्ग की स्वायत्तता से जुड़ा हुआ. कोर्ट ने कहा है कि यदि एक सप्ताह में जवाब दायर नहीं किया जाता है तो कोर्ट बिहार नगर पालिका एक्ट 2007 में किये गए संशोधन (Municipality Act Amendment) पर रोक लगा सकती है.
ये भी पढ़ें: Patna High Court News: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा वापस लेंगे आशा वर्कर, 28 फरवरी को अगली सुनवाई
अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट के समक्ष बहस करते हुए कहा कि इस संशोधन के तहत नियुक्ति और तबादला को सशक्त स्थाई समिति में निहित अधिकार को ले लिया गया है. यह अधिकार अब राज्य सरकार में निहित हो गया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया था कि अन्य सभी राज्यों में नगर निगम के कर्मियों की नियुक्ति नियमानुसार निगम द्वारा ही की जाती है.