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बिहार के लॉ कॉलेजों की संबद्धता का मामला: पटना हाईकोर्ट में 17 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

बिहार के सरकारी और निजी लॉ कॉलेजों की संबद्धता के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल के डिवीजन बेंच ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को निरीक्षण रिपोर्ट की कॉपी सम्बंधित सभी पक्षों को देने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 17 जनवरी, 2022 को होगी.

Patna High Court
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Published : Jan 12, 2022, 2:02 PM IST

पटना:राज्य के सभी सरकारी व निजी 27 लॉ कॉलेजों की संबद्धता (affiliation of Bihar law colleges) के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सुनवाई की. कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल के डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) को निरीक्षण रिपोर्ट की कॉपी सभी सम्बंधित पक्षों को देने का निर्देश दिया. पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को इन कॉलेजों का निरीक्षण कर तीन सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. साथ ही कोर्ट ने जिन कॉलेजों को पढ़ाई जारी करने की अनुमति दी है, वहां की व्यवस्था व सुविधाओं के सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने को कहा था. इस मामले पर अगली सुनवाई 17 जनवरी, 2022 को होगी.

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कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में सभी लॉ कॉलेजों को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष एक सप्ताह में निरीक्षण हेतु आवेदन देने का निर्देश दिया था. साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया को इन कॉलेजों का वर्चुअल या फिजिकल निरीक्षण करने का निर्देश दिया था. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के निरीक्षण कमेटी की रिपोर्ट संबंधित कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था. यह कमेटी इनके रिपोर्ट पर निर्णय लेगी. बार काउंसिल ऑफ इंडिया यह देखेगी कि विधि शिक्षा, 2008 के नियमों का पालन इन शिक्षण संस्थानों में किया जा रहा है या नहीं.

इन लॉ कॉलेजों को पुनः चालू करने के लिए अस्थाई अनुमति देते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया किसी भी प्रकार का नियमों में ढील नहीं देगी. इससे पहले की सुनवाई में पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी व निजी लॉ कॉलेजों में नामांकन पर रोक लगा दिया था. साथ ही चांसलर कार्यालय, राज्य सरकार, संबंधित विश्वविद्यालय व अन्य से जवाब तलब किया गया था. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश किया था. इसमें यह कहा गया था कि राज्य में जो लॉ कॉलेज हैं, उनमें समुचित व्यवस्था नहीं है. योग्य शिक्षकों व प्रशासनिक अधिकारियों की भी काफी कमी है. इसका असर लॉ की पढ़ाई पर पड़ रहा है. साथ ही साथ बुनियादी सुविधाओं की भी काफी कमी है.

याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के किसी भी सरकारी व निजी लॉ कॉलेजों में रूल्स ऑफ लीगल एजुकेशन, 2008 के प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है. याचिकाकर्ता के ओर से कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य में सरकारी व निजी लॉ कॉलेज 27 हैं, लेकिन कहीं भी पूरी व्यवस्था नहीं होने के कारण लॉ की पढ़ाई का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. इस मामले पर अगली सुनवाई 17 जनवरी, 2022 को होगी.

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