पटनाःभारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद (First President Rajendra Prasad) की जन्मस्थली जीरादेई और उनके स्मारकों की दुर्दशा पर एक बार फिर पटना हाईकोर्टमें सुनवाई (Hearing In Patna High Court) हुई. सुनवाई के दौरान जज ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. साथ ही कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार (आर्केलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) व अन्य सभी सम्बंधित पक्षों को अंतिम मोहलत देते हुए 28 जनवरी 2022 तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया .
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विकास कुमार की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने अधिवक्ता विकास कुमार की जनहित पर सुनवाई की. इससे पहले कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर किया गया था. इसमें कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 10 जनवरी 2022 को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी. इसमें सम्बंधित विभाग के अपर प्रधान सचिव सहित अन्य वरीय अधिकारी बैठक में मौजूद थे. इनमें पटना और सीवान के डी एम भी उपस्थित थे.
कोर्ट में बताया गया कि, इस बैठक में कई तरह के जीरादेई में विकास कार्य के साथ पटना में स्थित बांसघाट स्थित डा. राजेंद्र प्रसाद की समाधि स्थल और सदाकत आश्रम की स्थिति सुधारे जाने पर विचार तथा निर्णय लिया गया था. मीटिंग में जीरादेई गांव से दो किलोमीटर दूर रेलवे क्रासिंग के ऊपर फ्लाईओवर निर्माण पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया. साथ ही राजेंद्र बाबू के पैतृक घर और उसके आस पास के क्षेत्र के विकास और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्रवाई करने का निर्णय हुआ.