पटना : पटना हाई कोर्ट ने राज्य में एससी, एसटी व लड़कियों से स्नातकोत्तर शिक्षा तक शिक्षण व अन्य फीस नहीं लेने के मामले पर सुनवाई (Patna High Court) की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अगली सुनवाई में इसका पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता की अधिवक्ता रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने 24 जुलाई, 2015 में यह निर्णय लिया था कि एससी, एसटी व लड़कियों से स्नातकोत्तर शिक्षा तक शिक्षण शुल्क नहीं (Tuition Fee Till Postgraduate Education) लिया जाएगा.
ये भी पढ़ें - पटना हाईकोर्ट ने ईस्ट सेंट्रल रेलवे के मैनेजर और डीआरएम को किया तलब
याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने क्या रखी मांग : रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि सरकार के इस निर्णय के बाद भी राज्य के शिक्षण संस्थाओं ने इन श्रेणियों के छात्रों से शिक्षण व अन्य शुल्क लेना जारी रखा गया. अधिवक्ता रितिका रानी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि करेंट सेशन में इनसे शिक्षण व अन्य शुल्क नहीं लिया जाए. साथ ही राज्य सरकार द्वारा निर्णय लेने के बाद भी शिक्षण संस्थान द्वारा लिए गए शिक्षण व अन्य शुल्क वापस किये जाएं.
सरकार के जवाब से कोर्ट नहीं संतुष्ट : वहीं इस मामले पर राज्य सरकार ने जानकारी भी दी. हालांकि राज्य सरकार की ओर से दी गयी जानकारी से कोर्ट संतुष्ट नहीं था. इस मामले पर फिर आगे सुनवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें - 'क्या आप सिनेमा हॉल में हैं?', IAS अधिकारी आनंद किशोर को पटना हाईकोर्ट में 'ड्रेस कोड' पर लगी फटकार