पटना:पटना हाईकोर्ट में मुजफ्फरपुर जिला के ब्रह्मपुरा थाना अंतर्गत राजन साह की 6 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारीके अपहरण मामला में (Hearing In Patna HC In Muzaffarpur Khushi Kidnapping Case) सुनवाई हुई. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद (Justice Rajiv Ranjan Prasad) ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई और निर्देशक सीएफएसएल नई दिल्ली को पार्टी बनाने का निर्देश दिया. इस मामले की सुनवाई के दौरान एसएसपी मुजफ्फरपुर जयंतकांत ऑनलाइन उपस्थित थे. अपहृता के वकील ओम प्रकाश प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि एसएसपी मुजफ्फरपुर आज तक सिर्फ कागजी कार्रवाई कर रहे हैं. लगभग 3 महीना से सिर्फ पॉलीग्राफी टेस्ट का बहाना बना कर कोर्ट का समय बर्बाद किया जा रहा है.
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मुजफ्फरपुर खुशी अपहरण मामले में HC में सुनवाई :पिछली सुनवाई में अधिवक्ता के वकील ने कोर्ट को बताया था कि एक ऑडियो रेकॉर्डिंग है जिसमें संदिग्ध राहुल कुमार की आवाज है. वह अपहृत खुशी के बारे में जानता है. इस पर कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह ऑडियो क्लिप एसएसपी को दिया जाए. एसएसपी ऑडियो की पुष्टि करके कार्रवाई करें. लेकिन जो शपथ पत्र एसएसपी के द्वारा हाईकोर्ट में फाइल किया गया है उसमें ऑडियो क्लिप का कोई जिक्र नहीं किया गया है. कोर्ट ने पाया कि इस कांड का उद्भेदन अब एसएसपी मुजफ्फरपुर द्वारा नहीं हो सकता है. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि 14 अक्टूबर 2022 तक सभी कागजात सीबीआई को मुहैया करवाई जाए. अगली तिथि को सीबीआई के वकील भी कोर्ट में उपस्थित रहेंगे.
क्या है पूरा मामला ? :यह मामला 16 फरवरी 2021 को 5 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है. इसका सुराग आज तक नहीं मिला है. खुशी के पिता मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली से संतुष्ट नही थे जिसके कारण खुशी के पिता राजन साह ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर किया था. ये याचिका अधिवक्ता ओमप्रकाश ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर किया था. इसमें याचिकाकर्ता ने मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बच्ची को जल्द से जल्द पता लगाने का आग्रह किया था. इस मामले पर अगली सुनवाई 17 अक्टुबर 2022 को की जाएगी.
बीते साल हुआ था बच्ची का अपहरण: दरअसल, पूरा मामला 16 फरवरी 2021 को 5 साल की खुशी के अपहरण किये जाने से सम्बंधित है. मुजफ्फरपुर पुलिस को इस मामलें में अबतक कोई सुराग नहीं मिला है. खुशी के पिता राजन साह ब्रह्मपुरा थाना अंतर्गत पमरिया टोला के रहने वाले हैं. वे सब्जी विक्रेता हैं. उन्होंने मुजफ्फरपुर पुलिस के रवैए से असंतुष्ट होकर पटना हाईकोर्ट में अपनी बेटी खुशी की बरामदगी के लिए याचिका दायर की.