पटना:पटना हाईकोर्ट ने लगभग 16 वर्ष की नाबालिग रेप पीड़िता की अवांछित गर्भावस्था को खत्म करने की याचिका पर सुनवाई की. पीड़िता के पिता के जरिये दायर इस याचिका (Hearing in HC on Petition to End Unwanted Pregnancy) पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने कहा कि नाबालिग रेप पीड़िता और उसके माता-पिता डिलीवरी के बाद बच्चा को नहीं रखना चाहते हैं और बच्चे की जवाबदेही लेने की स्थिति में नहीं हैं तो उस स्थिति में राज्य सरकार और इसकी एजेंसी को नवजात बच्चे की पूरे तौर से जिम्मेदारी लेनी होगी.
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मासूम को दत्तक केंद्र में रखा जाएगा: नवजात बच्चे को एनजीओ के सहयोग से राज्य सरकार के चल रहे दत्तक केंद्र में रखा जाएगा और आगे कोर्ट ने कहा है कि कानून के मुताबिक बच्चे को गोद लेने के लिए आवश्यक व्यवस्था के सभी प्रयास किये जाने चाहिए. पीड़िता की डिलीवरी के बाद के देख-भाल, खाने पीने और दवा आदि की की व्यवस्था करने के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को एक लाख रुपये पीड़िता के पिता के खाता में देने का आदेश भी दिया गया है. रेप पीड़िता में 32 सप्ताह का गर्भ पाया गया था.
नाबालिग के साथ रेप:गौरतलब है कि समस्तीपुर जिला के 16 वर्षीय नाबालिग के साथ रेप की गई थी. कुछ दिनों बाद बच्ची को उल्टी और अन्य प्रकार का बदलाव की जानकारी अपने परिजनों को दी. नाबालिग के पिता भाई एवं अन्य सदस्य कमाने के लिए हैदराबाद रहते हैं. वहां से आने के बाद पिता ने अभियुक्त को गर्भ ठहरने की सूचना दी. इस पर अभियुक्त ने बच्ची के पिता को गर्भपात कराने को कहा. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पीड़िता का 164 का बयान दर्ज कराया गया. फिर पॉस्को कोर्ट में एक आवेदन दाखिल कर बच्चे का गर्भपात कराने की मांग की गई.