बिहार

bihar

ETV Bharat / city

ऐसे कैसे चलेगा सरकार? प्राइवेट अस्पतालों में लगाए जा रहे सरकारी अस्पताल के वेंटिलेटर - corona news update

जब देश और राज्य में कोविड का जलजला है. मरीज ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. इस बीच पटना सिविल सर्जन के द्वारा बेहद ही असंवेदनशील आदेश जारी किया गया है. आदेशानुसार पटनासिटी स्थित गुरुगोविंद सिंह अस्पताल के वेंटिलेटर कुशल ऑपरेटर के अभाव में निजी अस्पताल में भेजे जा रहे हैं.

स्थानीय लोगों ने किया खुलासा
स्थानीय लोगों ने किया खुलासा

By

Published : May 13, 2021, 7:51 PM IST

पटनाःकोविड महामारी के दौर में एक तरफ जहां ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के अभावमें मरीज दम तोड़ रहे हैं, वही दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल में लगे वेंटिलेटर को प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट किए जाने का मामला सामने आया है. मामला पटनासिटी स्थित गुरू गोविंद सिंह अस्पताल का है, जहां कुशल ऑपरेटरों के अभाव में वेंटिलेटरों को सिविल सर्जन के आदेश पर निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ेंः कोरोना, मौत और बवाल: अस्पताल पहुंची पुलिस तो बोले परिजन- जब आपके यहां होगा तब पता चलेगा क्या है व्यवस्था

कैसे हुआ खुलासा?
गुरुगोविंद सिंह अस्पताल से वेंटिलेटरों को शिफ्ट किए जाने के मामले का खुलासा तब हुआ जब वेंटिलेटर को गाड़ी से ले जाया जा रहा था. तभी स्थानीय लोगों ने इस माजरा को देखकर हंगामा करना शुरू कर दिया. इस बावत जब अस्पताल के अधीक्षक पशुपति नाथ से पूछा गया तो उन्होंने वेंटिलेटर ले जाने की बात को कबूल करते हुए कहा कि पटना सिविल सर्जन के आदेश पर वेंटिलेटर को भेजा जा रहा था.

देखें EXCLUSIVE वीडियो

एनएमसीएच में वेंटिलेटर की कमी
पटना के सिविल सर्जन के इस आदेश पर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. सवाल ये कि एक तरफ बिहार के दूसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एनएमसीएच पर भी मरीजों की बड़ी संख्या का इलाज का जिम्मा है. इस अस्पताल में पहले से ही वेंटिलेटर जैसे जरूरी संसाधनों की जरूरत है. उस स्थिति में सिविल सर्जन के द्वारा निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर शिफ्ट किए जाने जैसे असंवेदनशील फैसले कैसे लिए जा सकते हैं.

इसे भी पढ़ेंः ऑक्सीजन के अभाव में कोरोना संक्रमित बेटे की मौत के बाद पिता की चित्कार, रूह कांप उठेगी…

मुआयना करने दो बार पहुंचे डीएम
बता दें कि गुरू गोविंद सिंह अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर जिलाधिकारी दो बार अस्पताल का दौरा कर चुके हैं. इस अस्पताल को अनुमंडलीय अस्पताल का दर्जा प्राप्त है. लेकिन बेहतर प्रबंधन के अभाव में यहां मौजूद सुविधाओं की बलि चढ़ रही है. नौबत ये आ गई है कि बेहतर प्रबंधन के अभाव में संसाधनों को निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details