पटना : 17 जनवरी से छठे चरण के बिहार प्राथमिक शिक्षक नियोजन के तहत थर्ड राउंड की काउंसलिंग (bihar primary teacher recruitment) शुरू हो रही है. जिसमें करीब 12000 से ज्यादा पदों पर शिक्षकों का चयन किया जाना है. फर्स्ट और सेकेंड राउंड की काउंसलिंग के करीब 5 महीने बाद कई नियोजन इकाइयों ने चयन लिस्ट को रद्द करने की अनुशंसा की है इस पर भी सवाल उठाए गए हैं और पहले की गाइडलाइंस की याद दिलाई गई है. वहीं कोरोना गाइडलाइंस का भी सख्ती से पालन करने का निर्देश शिक्षा विभाग ने दिया है.
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काउन्सिलिंग का आयोजन दिनांक 17.01.2022 से दिनांक 28.01.2022 तक जिला मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालय में निर्धारित है. इसे लेकर शिक्षा विभाग ने जो गाइडलाइंस जारी की हैं उसके अनुसार काउन्सिलिंग केन्द्रों का सेनेटाइजेशन, आवश्यकता आधारित मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति, थर्मल स्कैनिंग, सेनेटाइजर एवं मास्क की व्यवस्था एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना. कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी नियोजन हेतु काउन्सिलिंग केन्द्रों की संख्या का निर्धारण जिला पदाधिकारी की सहमति से करेंगे, जिसकी सूचना एनआईसी की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी. केन्द्र के चयन में बड़े परिसर वाले एवं अत्यधिक कमरे वाले भवन को प्राथमिकता दी जाय.
जिन पंचायतों (नियोजन इकाइयों) का आंशिक भाग नए नगर पंचायत / नगर परिषद् में सम्मिलित हो गया हो अथवा जिन प्रखंडों के कुछ पंचायत नगर निकाय में सम्मिलित हो गए हैं उनमें नियुक्ति की प्रक्रिया विभागीय पत्रांक के अनुरूप की जाएगी. साथ ही जो पंचायत पूर्णत: नगर निकाय में समाहित हो गए हैं या उनका अस्तित्व समाप्त हो गया है, वहां पर नियुक्ति की प्रक्रिया नवगठित नगर नियोजन इकाई द्वारा विधिवत करायी जाएगी.
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कुछ जिलों से प्रथम एवं द्वितीय चक्र की प्रक्रिया समाप्ति के 5 माह बाद विभिन्न कारणों से नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया रद्द करने की सूचना दी जा रही है, जबकि पहले से यह निर्देशित है कि चयनित अभ्यर्थियों के सत्यापन योग्य सभी प्रमाणपत्र अगले कार्यदिवस पर अपराह्न 4:00 बजे तक विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये वेबपोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. विभागीय अधिसूचना संख्या 1384 दिनांक 20.12.2021 की कंडिका 5 में वर्णित है कि यदि काउन्सिलिंग की प्रक्रिया में किसी नियोजन इकाई द्वारा अनियमितता बरती जाती है तो जिला शिक्षा पदाधिकारी का यह दायित्व होगा कि 24 घंटे के अन्दर जिला पदाधिकारी को इस सूचना से अवगत कराते हुए काउन्सिलिंग रद्द करने की अनुशंसा करेंगे तथा संबंधित नियोजन इकाई के विरुद्ध आवश्यक अनुशासनिक एवं दण्डात्मक कार्रवाई हेतु सक्षम प्राधिकार को अनुशंसित करेंगे.
इसके साथ ही यह भी गाइलाइंज जारी हुआ है कि नियुक्ति की प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर का अनुपालन कठोरता के साथ किया जाय. बिहार पंचायती प्रारंभिक शिक्षक (नियोजन एवं सेवा शत) नियमावली 2012 (यथा संशोधित) एवं बिहार नगर प्रारंभिक शिक्षक (नियोजन एवं सेवा शर्त) नियमावली 2012 (यथा संशोधित) में प्रखंड नियोजन इकाई के सदस्य सचिव के रुप में संबंधित पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी को रखा गया है. जो पदाधिकारी पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में काम कर रहे होंगे, वह पदेन नियोजन इकाई के सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे.
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काउन्सिलिंग के लिए निर्धारित केन्द्र पर अभ्यर्थी नियोजन इकाई से संबंधित सभी प्रतिनिधि एवं प्रतिनियुक्त कर्मी के अलावा बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतः वर्जित रहेगा. नियोजन इकाई द्वारा वरीयता के अनुसार 10-10 अभ्यर्थी को क्रमवार नाम से पुकारा जायेगा. इसके लिए काउन्सिलिंग स्थल पर माइकिंग की व्यवस्था पर्याप्त ढंग से की जाए.
पंचायत एवं प्रखण्ड के नवनियुक्त मुखिया / प्रमुख एवं नियोजन इकाई के सदस्य सचिव यदि नियोजन की प्रक्रिया में सहयोग नहीं कर रहे हों तो नियमावली में सम्बन्धित के विरूद्ध कार्रवाई का प्रावधान है. नियमावली 2012 के नियम-12 (च) में वर्णित है कि "सरकार द्वारा निर्धारित तिथि तथा निर्धारित नियोजन प्रक्रिया के अनुसार बिना किसी उचित कारण के नियोजन इकाई द्वारा शिक्षक नियोजन नहीं करने पर इसे बच्चों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 तथा उनके संवैधानिक दायित्वों का उल्लंघन माना जाएगा और इसके लिए दोषी पदाधिकारी तथा पंचायत के प्रतिनिधि के विरूद्ध प्रासंगिक अधिनियम एवं पंचायती राज अधिनियम, 2006 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
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