पटनाः भ्रष्टाचार के आरोपी कुलपति ( Allegations of Corruption Against VC ) को राज्यपाल फागु चौहान ने राज्य के बेस्ट वीसी का अवार्ड ( Best VC in Bihar ) से सम्मानित किया है. जबकि उनपर लूट-खसोट करने का बड़ा आरोप लगाया गया है. इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार को एक पत्र भी लिखा गया था. सुरेंद्र प्रसाद सिंह फिलहाल ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के वॉयस चांसलर ( VC Surendra Prasad Singh ) हैं. उन्हें राजभवन पटना में सम्मानित किया गया है.
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बता दें कि मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के वर्तमान वीसी प्रोफेसर कुद्दूस ने पूर्व प्रभारी वीसी प्रोफेसर सुरेंद्र प्रसाद सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने सीएम नीतीश को दिए एक पत्र में लिखा है कि उन्हें 19 अगस्त 2021 को यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के तौर पर जॉइन करना था. वो उस दिन जॉइन करने पहुंचे थे. लेकिन रजिस्ट्रार डॉक्टर मो. हबीबुर रहमान ने अज्ञात कारणों से उन्हें जॉइन करने में 23 अगस्त तक की देरी कराई.
इस बीच ही सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कई फैसले किए, जिसमें लाखों रुपए की अनियमितता हुई. दोगुने दामों में लखनऊ की एजेंसी को आंसर शीट छापने के टेंडर दिए गए. पटना की एक एजेंसी के जरिए आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में भी आर्थिक अनियमितता की गई. इसके अलावा अन्य मदों में भी पर्दे के पीछे से लूट का खुला खेल चल रहा है.
पत्र में उन्होंने आगे लिखा है कि यही नहीं, इस खेल में उनके साथ अतुल श्रीवास्तव नाम का एक व्यक्ति भी शामिल है. उसके दो मोबाइल नंबरों का हवाला देते हुए पत्र में कहा कि उन पर संबंधित व्यक्ति द्वारा राजभवन के नाम भुगतान के लिए खासा दबाव बनाया जा रहा है.
जानकारी दें कि बीते सप्ताह स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने डॉ राजेंद्र प्रसाद के गृह जिले गोरखपुर से लेकर गया में सरकारी घर से करोड़ों रुपए कैश बरामद की थी. फिलहाल इस मामले में जांच चल रही है. करीब 8 महीने पहले सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ जांच की थी और उन्हें क्लीन चिट दे दी थी. लेकिन मामला नहीं थमा तो अब एसवीयू को सौंप दिया गया.