पटना: सोमवार से लोक आस्था का छठ महापर्व ( Chhath Festival ) नहाए खाए से शुरू हो रहा है. नहाए खाए के दिन लौकी का विशेष महत्व है. लोग खासकर छठ व्रती लौकी की सब्जी खाती हैं. ऐसी मान्यता है कि लौकी सबसे शुद्ध और पौष्टिक सब्जी है. इसके अलावा इसमें पर्याप्त जल होता है, जो व्रतियों को ताकत देता है. ऐसे में नहाए खाए से 1 दिन पूर्व रविवार को राजधानी पटना में लौकी का बाजार काफी चढ़ा हुआ नजर आया. अंटा घाट सब्जी मंडी में प्रति पीस 40 रुपए बिकने वाली लौकी प्रति किलो के हिसाब से बिका. 80 से 100 प्रति किलो लोगों ने इसे खरीदा.
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सामान्य तौर पर एक लौकी दो से ढाई किलो की होती है. ऐसे में लोगों का कहना है कि जो लौकी उन्हें 5 दिन पूर्व 30 से 40 रुपए में मिल जाती थी. वह अब लगभग 150 रुपए में मिल रही है.
'गोल वाली लौकी 60 रुपये प्रति किलो बेच रहे हैं. जबकि लंबी लौकी 80 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रहे हैं. महापर्व छठ को लेकर लौकी का भाव बढ़ा हुआ है. लौकी जो तीन से चार दिनों पूर्व तक प्रति पीस के दर से बिक रही थी. उसे अब किलो की भाव से बेच रहे हैं.'-संजीत कुमार, दुकानदार
'छठ को लेकर लौकी का भाव बढ़ा हुआ है. छठ के दौरान ही लौकी किलो के भाव से बिकती है. क्योंकि लौकी की डिमांड काफी अधिक हो जाती है.'-अजय राय, दुकानदार
'अंटा घाट सब्जी मंडी से 80 रुपए प्रति किलो की भाव से लौकी खरीदा है. सामान्य दिनों में 20 से 25 रुपए में लौकी मिल जाती थी. लेकिन छठ को लेकर दुकानदार लौकी का मनमाना भाव बोल रहे हैं. मजबूरी है इसी वजह से लोगों को उसी दर में खरीदना पड़ रहा है.'-डॉक्टर फूलो पासवान, ग्राहक
'मैंने इस बार 4 पीस लौकी खरीदी है. जिसका वजन 10.5 किलो है. 60 प्रति किलो की दर से लौकी खरीदी है. छठ को लेकर प्रतिवर्ष नहाए खाए के दिन लौकी का वितरण करते हैं. इसीलिए लौकी खरीदा है. लेकिन इस बार बाजार में पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक लौकी का भाव बढ़ा हुआ है.'-इंद्रजीत डे, ग्राहक
'वर्षों से परंपरा चली आ रही है कि नहाए खाए के दिन लौकी की सब्जी खायी जाती है. छठ पूजा में यह एक अनिवार्य परंपरा है. मैं भी इस परंपरा को पालन करती आ रही हूं. इसीलिए नहाए खाए को लेकर बाजार में लौकी खरीदने पहुंची थी. मैंने 60 रुपए प्रति किलो की दर से लौकी खरीदा है. 3 दिनों पूर्व प्रति पीस 40 रुपया बिक रहा था. इस बार बाजार में लौकी का भाव काफी अधिक है.'-रीता शर्मा, छठ व्रती
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