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पटना के गंगा घाट पर 5 टन पूजा सामग्री का कचरा, निदान नहीं होने से गंगा हो रही प्रदूषित - etv news

बिहार में दशहरा का त्योहार बड़ी धूमधाम से संपन्न हो चुका है. पूजा समाप्ति के बाद पूजा पंडालों के मूर्तियों के विसर्जन का दौर भी खत्म हो चुका है. अब मूर्ति विसर्जन के बाद गंगा घाटों पर पूजन सामग्री का कचरा गंगा की धारा को प्रदूषित (Ganga Getting Polluted By Garbage Of Durga Puja) कर रहा है. इसका सही निराकरण प्रशासन की ओर से नहीं हो पा रहा है. ऐसे में गंगा नदी प्रदूषित होने का खतरा ज्यादा बढ़ गया है. पढ़ें पूरी खबर...

दुर्गा पूजा के बाद पटना के गंगा घाट पर लगा कचरा का ढेर
दुर्गा पूजा के बाद पटना के गंगा घाट पर लगा कचरा का ढेर

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Published : Oct 7, 2022, 9:21 PM IST

पटना:राजधानी पटना में इस बार बड़े धूमधाम से दशहरा पूजा का आयोजन (Dussehra Puja Organized In Patna) हुआ. पिछले वर्ष की तुलना में मूर्तियों और पंडालों की संख्या भी अधिक रही. जिला प्रशासन की ओर से मूर्तियों के विसर्जन के लिए दीघा गंगा घाट पर गंगा की धारा से 20 मीटर की दूरी पर 2 अस्थाई कृत्रिम तालाब तैयार किए गए. इन्हीं तालाबों में शहर के तमाम मूर्तियों का विसर्जन हुआ. लेकिन कई लोगों ने जो छोटे मूर्ति स्थापित किए थे. उन्होंने तमाम प्रशासनिक पहल के बावजूद पूजन सामग्री का कचरा और छोटी मूर्तियों को गंगा की धारा में ही विसर्जित किए. अस्थाई कृत्रिम तालाब में मूर्तियों के विसर्जन के बाद उन मूर्तियों से भी पूजन सामग्री के कई कचरा (Garbage Of Durga Puja) निकले हैं. कपड़ा, प्लास्टिक इत्यादि अन्य कचरा गंगा किनारे इकट्ठा हुआ है. लगभग 5 टन कचरा जमा हो चुका है. लेकिन निगम प्रशासन की ओर से इसे उठाकर कचरा डंपिंग यार्ड तक नहीं ले जाया जा रहा है. जिससे गंगा प्रदूषित हो रही है.

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दुर्गा पूजा के कचरा से गंगा हो रही प्रदूषित :मूर्तियों के विसर्जन से गंगा की धारा प्रदूषित ना हो इसके लिए जिला प्रशासन ने अस्थाई कृत्रिम तालाब तैयार किए. जहां मूर्तियों के विसर्जन किए गए. इसके अलावा निर्देश यह भी था कि इन मूर्तियों के विसर्जन से जो कचरा निकलेगा उसे नगर निगम की गाड़ी आकर उठाएगी और फिर कचरा डंपिंग यार्ड तक ले जाएगी. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. गीला कचरा सूखा चुका है और प्लास्टिक, कपड़ा इत्यादि अन्य पूजन सामग्री का कचरा उड़कर के गंगा नदी में जा रहा है. नदी किनारे भी काफी मात्रा में पूजन सामग्री का कचरा इकट्ठा है. जो धारा से टकराने के बाद गंगा नदी में बह रही है. नदी किनारे फूल, पत्ती, प्लास्टिक बोतल, प्लास्टिक के थैले, मिट्टी और प्लास्टिक के बर्तन, ढकना इत्यादि दलदल में धंस रहे हैं. जिससे नदी की धारा के किनारे कीचड़ उत्पन्न हो जा रहा है. यहां आने वाले लोगों की समस्या यह है कि छठ पूजा का भी समय नजदीक आ रहा है. ऐसे में घाट यदि इस प्रकार गंदे रहे तो छठ व्रतियों को परेशानी होगी.

गंगा किनारे 5 टन कचरा जमा :दीघा घाट पर प्रतिदिन गंगा आरती करने वाले पंडित सोमेश्वर नाथ द्विवेदी ने बताया कि उन लोगों ने हाल के दिनों में काफी पहल की है कि जिस प्रकार प्रशासन ने मूर्तियों को गंगा नदी के बजाय स्थानीय कृत्रिम तालाब में विसर्जित कराने के लिए मेहनत की. उसी प्रकार मूर्तियों के विसर्जन के बाद जो कचरा इकट्ठा हुआ है, उस कचरा को यहां से हटाने में भी मेहनत करें.

'गंगा का जल प्रदूषित ना हो इसके लिए कृत्रिम तालाब बनाकर उसमें मूर्तियों का विसर्जन किया गया. लेकिन जो कचरा इकट्ठा हुआ है, वह अब सीधे उड़कर नदी में जा रहा है. ऐसे में नदी का जल प्रदूषित ना हो इसके लिए जो तैयारी की गई थी, उस तैयारी पर पूरी तरह से विफलता नजर आ रही है. मूर्ति विसर्जन का काम पूरा हो चुका है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि सफाई मजदूरों को भेजकर सभी कचरा को गाड़ी में लादकर कचरा डंपिंग यार्ड भेजा जाए.'- सोमेश्वर नाथ द्विवेदी, पंडित

'वह प्रतिदिन इस गंगा घाट पर आते हैं. हाल के दिनों में यहां पर गंदगी बहुत अधिक बढ़ गई है. ऐसे में जरूरी है कि प्रशासन यहां गंदगी को हटाने की दिशा में काम करे. क्योंकि दुर्गा पूजा समाप्त होने के बाद पूजन सामग्री का कचरा काफी अधिक हो गया है. जल्द ही छठ पर्व शुरू होने वाला है, ऐसे में छठ व्रतियों की सहूलियत को देखते हुए प्रशासन को यहां घाट की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.'- सुधीर कुमार, स्थानीय

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