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'स्वास्थ्य सिस्टम में सरकारी राशि पर पड़ा डाका, पैसों से मरीजों की नहीं 'बाबूओं' की हालत में सुधार' - Number of corona patients in Bihar

बिहार में कोरोना से मरीजों की मौत और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर राज्य के पूर्व डीजीपी ने सवाल उठाया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा कि विभीषिका का नतीजा जनता का भ्रष्टाचार से समझौता करना है. प्रदेश की यह दशा देखकर रोना आता है.

पटना
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Published : Apr 24, 2021, 4:46 PM IST

पटना:बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने कोरोना की दूसरी लहर को लेकरसोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि 'बिहार के स्वास्थ्य सिस्टम में सराकारी राशि का डाका पड़ा हुआ है. पूरा देश बेचैन है, अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. विश्व के लगभग सभी प्रमुख देशों ने हमारे देश से उड़ान भरने वाली फ्लाइटों को अपने देश आने पर पाबंदी लगा रखी है. यह विचलित करने वाली स्थिति है'.

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'जनता ने भ्रष्टाचार से कर लिया समझौता'
वहीं, अपने पोस्ट में उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए अभी के हालात पर लिखा है कि ''बचपन से देखता आया हूं कि समय-समय पर हमारा देश विपत्तियों से घिरता है, और उससे बाहर निकलता है. उस वक्त पूरा देश एकजूट रहता था. लेकिन आज के हालात ऐसे हैं कि सराकारी तंत्र में निर्बाध भ्रष्टाचार मचा हुआ है. जनता ने भी इस सरकारी भ्रष्टाचार से समझौता कर लिया है. जिसका नतीजा इस विभीषिका में सबको देखने को मिल रहा है''.

फेसबुक पोस्ट

वहीं, बिहार के हेल्थ सिस्टम को उन्होंने कोसते हुए लिखा कि कोरोना संक्रमण से पूरा देश कराह रहा है. बिहार की स्थिति और भी खराब है. यहां बिना इलाज के ही लोग मर रहे हैं. उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं की दशा को दुरूस्त करने वाले सराकारी बाबूओं पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवा सुदृढ़ करने पर पानी की तरह पैसे बहाती है. लेकिन उस पैसे से स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं सुधरती. उन पैसों से इन बाबूओं की दशा सुधर जाती है.

अभयानंद अपनी पोस्ट के आखिरी में लिखते हैं कि बिहार के हेल्थ सिस्टम को देखकर उन्हें रोना आता है.

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