पटना:बिहार मेंशराबबंदी कानून को पहले से और ज्यादा सख्त करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने खास रणनीति बनाई है. बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) खत्म होते ही पुलिस मुख्यालय का ऑपरेशन शराब (Police Headquarters Operation Liquor) शुरू कर दिया जाएगा. पुलिस मुख्यालय के द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार यह ऑपरेशन 15 दिसंबर से जनवरी के पहले हफ्ते तक चलेगा. 15 दिसंबर को पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी. इसके बाद चुनाव में प्रतिनियुक्त फोर्स भी वापस लौट आएंगे और इन्हीं फोर्स को इस ऑपरेशन में लगाया जाएगा.
ये भी पढ़ें-बिहार के सभी जिलों में होगा एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन, ऐसे लगेगी शराब पर लगाम
दरअसल, शराब के खिलाफ ऑपरेशन के लिए हर जिले में एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन (Anti Liquor Task Force) है. इसे और धार देने की तैयारी पुलिस मुख्यालय द्वारा की जा रही है. पंचायत चुनाव के मद्देनजर बिहार पुलिस के एक तिहाई पुलिसकर्मी चुनाव ड्यूटी में लगे हुए थे. अब उनके वापस आते ही यह अभियान और भी मजबूत हो जाएगा.
पुलिस मुख्यालय का ऑपरेशन शराब इतना ही नहीं शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करवाने में लगे पुलिसकर्मी और अफसर भी अब सर्विलांस पर आ गए हैं. पुलिस मुख्यालय से लेकर थाना स्तर तक के पुलिस पदाधिकारियों की मॉनिटरिंग शुरू हो गई है. दरअसल, पिछली समीक्षा बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर इंटरनल सर्विलांस टीम गठित (Internal surveillance team formed) करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद निगरानी में पूरी गोपनीयता बरती जा रही है.
ये भी पढ़ें-जमुई: शराबबंदी कानून की उड़ी धज्जियां, सर्किट हाउस परिसर से शराब की खाली बोतलें बरामद
दरअसल, इंटरनल सर्विलांस के द्वारा कौन पुलिसकर्मी क्या कर रहा है और क्या रिजल्ट जा रहा है, इस पर आंतरिक निगरानी समिति अपनी पैनी नजर रख रही है. यही नहीं अगर किसी भी पुलिसकर्मी की भूमिका संदिग्ध पाई गई तो उनके खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके पीछे का मकसद ये है कि पिछले दिनों कई पुलिसकर्मियों की मिलीभगत शराब माफियाओं के साथ पकड़ी गई थी, जिस वजह से शराब का धंधा बिहार में फल फूल रहा था. पुलिस मुख्यालय के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इंटरनल सर्विलांस टीम हर जिले में काम कर रही है.
पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार शराब के खिलाफ मुहिम में जिलों में क्या कार्रवाई हो रही है, फिलहाल हर 15 दिन पर इसका मूल्यांकन किया जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सप्ताहिक मूल्यांकन शुरू किया जाएगा. जिस वजह से चुनाव में लगी फोर्स के वापस लौटते ही बड़े ऑपरेशन की तैयारी शुरू होगी. यही नहीं राज्य सरकार के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पंचायत चुनाव के समाप्ति के बाद पंचायतों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिसके माध्यम से शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन करवाया जाएगा.
ये भी पढ़ें-क्या हो रहा बिहार में.. विधानसभा परिसर के बाद अब औरंगाबाद सदर अस्पताल में शराब की खाली बोतलें
''जिला और अनुमंडल स्तर पर एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो सूचना तंत्र के आधार पर कार्रवाई कर रही है. वाहनों के साथ-साथ अतिरिक्त बल और पुलिस अधिकारी इस में लगाए गए हैं. जो भी टीम हमारी बाहर निकलती है उन पर पूरी तरह से मॉनिटरिंग रखी जाती है, वह कैसा काम कर रहे हैं और उनके द्वारा क्या कुछ रिपोर्ट दी जा रही है, इन सभी विषयों पर पुलिस मुख्यालय द्वारा नजर रखी जा रही है.''-जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी पुलिस मुख्यालय
पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (PHQ ADG Jitendra Singh Gangwar) की मानें तो चुनाव के दौरान भी अभियान चलाकर पुलिसकर्मियों ने लगातार देसी और विदेशी शराब को बरामद कर उन्हें नष्ट किया है. अब चुनाव खत्म हो चुका है, चुनाव से लौटने के बाद पुलिस कर्मियों को भी इस अभियान में लगाया जाएगा.
विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP