पटना:नक्सलियों का ननिहाल कहे जाने वाले भगवानगंज इलाका (Naxalite areas of Patna) कभी बारूद की गंध और गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा उठता था. लोग हरदम अनिश्चिताओं में रहते थे लेकिन अब हालात काफी बदल गये हैं. इस बदलते बयार में फिजां रंगीन हो चुकी है. सैकड़ों एकड़ में फूलों की खेती (Floriculture on hundreds acres in Patna) और उसकी महक से दूर-दूर तक एक खुशनुमा माहौल बन रहा है.
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इसका जायजा लेने ईटीवी भारत के टीम चैनपुर गांव में पहुंची. कभी नक्सलियों के कारण बदनाम रहा ये पूरा इलाका आज फूलों की खेती कर एक 'रंगीन और खुशबूदार' संदेश दे रहा है. गेंदा की कई प्रजातियां और इसके अलावा गुलाब, चंपा, सदाबहार, मोगरा आदि फूलों की खेती हो रही है. इस काम से करीब 300 से अधिक परिवार जुटे हैं.
मसौढ़ी का घोर नक्सल प्रभावित (Massaudhi's heavily affected by Naxal) भगवान गंज थाना इलाके में माहौल रंगीन हो गया है. रंग बिरंगे फूलों से पूरा इलाका काफी खूबसूरत दिख रहा है. नक्सल इलाकों में रंगीन फिजां बदलते माहौल का खुशनुमा संदेश दे रही है. नए साल के आगमन पर नए-नए फूल खिल उठे हैं.
यहां से न केवल बिहार बल्कि कई राज्यों को फूल भेजे जाते हैं. पिछले साल कोरोना काल में फूलों की खेती कर रहे किसानों की कमर टूट गई थी. धीरे-धीरे परिस्थिति सामान्य होते देख लोगों को उम्मीद जगी थी लेकिन कोरोना संक्रमण और ओमीक्रोन ने माथे पर बल ला दिया है. उन्हें चिंता सता रही है कि कहीं इस बार भी पिछले साल जैसे हालात न हो जायें. वे सरकार से मदद की गुहार भी लगा रहे हैं.
'तकरीबन 300 से अधिक परिवार भगवानगंज के चैनपुर गांव में फूलों की खेती करते हैं. तकरीबन 80 एकड़ में फूलों की खेती होती है. गेंदा फूल की कई प्रजातियों की खेती होती है. यहां से फूल कई राज्यों में भेजी जाती है. कोरोना काल में हम गरीब माली परिवार बेहद नुकसान रहे हैं. सरकार हमारी मदद करे.' कमलेश कुमार, चैनपुर, भगवान गंज
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