पटना: राज्य में बाढ़ से हालात बदतर बने हुए हैं. कोसी कहर ढा रही है. लगातार कोसी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है. शनिवार सुबह 10 बजे कोसी बराज से 1 लाख 44 हजार 20 क्यूसेक और बराह क्षेत्र से 96 हजार 800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा और भी गहरा गया है. लगभग 13 जिले इस त्रासदी की मार झेल रहे हैं.
प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से उपर
बिहार का एक बड़ा हिस्सा कुदरत के कोपभाजन का शिकार है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 127 लोग अपनी जान गवां चुके हैं और कुल 82 लाख लोग प्रभावित हैं. खासकर बिहार का उत्तरी हिस्सा पिछले करीब एक पखवाड़े से बाढ़ से बेहाल है. कई सड़कें पानी से लबालब भरी हैं तो, खेत जलमग्न हो गए हैं. घरों के अंदर पानी बह रहा है तो, बाजार और गलियां बंद हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग या तो ऊचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं या फिर अपने घरों में 'कैद' होकर रह गए हैं. राज्य में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से उपर बह रही हैं.
नदियों के टूटे तटबंध बढ़ा रहे परेशानी
बिहार के 13 जिले शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और पश्चिम चंपारण इन दिनों बाढ़ का कहर झेल रहे हैं. जन-जीवन बुरी तरह बाधित है. दरभंगा के 14 प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं. लोगों का जीवन बेहद मुश्किल में गुजर रहा है. घर डूब चुके हैं. पीड़ितों का खाने तक को नहीं मिल रहा है. वहीं टिक-टॉक पर वीडियो बनाने के चक्कर में एक युवक की मौत हो गई. कई नदियों के टूटे तटबंधों की वजह से परेशानी और खतरा टलने का नाम नहीं ले रहा.