पटना:नवादा की वारसलीगंजविधानसभा सीट शुरू से ही बाहुबलियों का अखाड़ा बनता रहा है. खास बात ये है कि इस बार अखाड़े में बाहुबलियों की पत्नियां उतरेंगी. हालांकि मुकाबला बाहुबली अखिलेश सिंह और प्रदीप कुमार के बीच ही होगा.
वारसलीगंज विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,03,030 मतदाता हैं, जिनमें से 1,61,106 पुरुष और 1,41,911 महिलाएं हैं. यहां से 2010 में अशोक महतो के भतीजे प्रदीप कुमार को जनता ने विधानसभा भेजा था, लेकिन 2015 में अखिलेश सिंह की पत्नी अरुणा देवी ने उन्हें करीब 19 हजार वोटों से शिकस्त दी थी.
प्रदीप कुमार नहीं लड़ सकते चुनाव
90 के दशक में हुए नरसंहार में प्रदीप कुमार का दोष साबित हो चुका है ऐसे में प्रदीप खुद चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. यही वजह है कि उन्होंने अपनी पत्नी आरती सिंह को मैदान में उतार दिया है. वहीं इस बार अखिलेश सिंह की पत्नी अरुणा देवी बीजेपी की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं.
भूमिहार और कुर्मी वोटरों की महत्वपूर्ण भूमिका
इस सीट पर भूमिहार और कुर्मी जाति के वोटर ही उम्मीदवारों का भविष्य तय करते हैं. ऐस में मुकाबला दिलचस्प हो सकता है. हालांकि, इस बार वारसलीगंज से कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार मनटन सिंह को मैदान में उतारा है. ऐसे में दो की लड़ाई में तीसरे को भी फायदा हो सकता है.