पटना: बिहार में सरकार ने धान के लिए 1940 रुपए प्रति क्विंटल की एमएसपी (MSP in Bihar) तय की है. लेकिन फिर भी बिहार में किसान कम दाम में धान बेचने को मजबूर हैं. धान अधिप्राप्ति की धीमी रफ्तार के कारण किसानों को यह परेशानी हो रही है. इस मामले में विपक्ष ने हमला बोला है. कहा, किसान सवाल खड़े कर रहे हैं और सरकार यह दावा कर रही है कि सब कुछ ठीक है.
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बिहार सरकार ने इस वर्ष 45 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य (Paddy Procurement Target) निर्धारित किया है. सरकार का निर्देश है कि ज्यादा नमी का बहाना बनाकर कोई पैक्स या व्यापार मंडल कमीशन नहीं ले सकता. यदि नमी के नाम पर किसानों को परेशान किया जाएगा या ज्यादा प्रति क्विंटल कमीशन लिया जाएगा तो ये अपराध माना जाएगा. लेकिन फिर भी किसान परेशान हैं. पैक्स उनसे तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं. यह हम नहीं कह रहे. यह दावा है किसान संगठन का और विपक्ष के नेताओं का.
'सरकार पैक्स या व्यापार मंडल के जरिए धान बेचने के लिए किसानों को कहती है. लेकिन पैक्स अपनी सीमा बताते हुए किसानों को इंतजार करने के लिए कह रहे हैं. अब अगर पिछले साल किसानों की फसल बर्बाद हुई और इस वर्ष आगे खेती करनी है, तो किसान कितना इंतजार करेंगे. वह अपना धान कहां रखेंगे. इसलिए जब पैक्स हाथ खड़े कर रहे हैं तो किसान अपना अनाज कम दाम पर अपना धान बेचने को मजबूर हैं. अगर पैक्स के जरिए भी खरीद होती है तो भी किसानों को 1940 रुपए के बजाय 15-16 सौ प्रति क्विंटल से ज्यादा का भाव नहीं मिलता.'-रामचंद्र महतो, उपाध्यक्ष, बिहार राज्य किसान महासभा